सुल्तानपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मंगलवार को 2018 में दर्ज किए गए मानहानी मामले में बेल मिल गई है। अगस्त 2018 में बीजेपी नेता द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ सुलतानपुर जिले की अदालत में मुकदमा दायर किया था। इसके लिए कोर्ट ने उन्हें 36 घंटे पहले पेश होने के लिए समन जारी किया था।
एक्स पर जयराम रमेश एक पोस्ट में लिखा, “आज सुबह राहुल गांधी सुल्तानपुर की जिला अदालत में मौजूद होंगे। उन्हें 36 घंटे पहले 2018 में बीजेपी द्वारा दायर किए गए मानहानी के मुकदमे में पेश होने का समन भेजा गया है. इस दौरान भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर कोई असर नहीं होगा। राहुल गांधी चुप नहीं रहेंगे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस डरेगी नहीं।”
उन्होंने एएनआई को बताया, “आज 38वां दिन है. हमने सुबह में यात्रा को रोक दिया था। अब हम दोपहर को 2 बजे दोबारा से फुरस्तगंज से यात्रा शुरू करेंगे. इसके बाद रायबरेली में एक पब्लिक रैली है और फिर हम लखनऊ की ओर बढ़ जाएंगे।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बेंगलुरु सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के 2018 के एक मामले में 20 फरवरी को सुल्तानपुर में जिला सिविल कोर्ट ने तलब किया था।
शिकायत तत्कालीन बीजेपी जिला उपाध्यक्ष विजय मिश्रा ने दर्ज कराई थी। विजय मिश्रा ने एएनआई को बताया, “उस वक्त मैं बीजेपी का उपाध्यक्ष था जब यह घटना हुई थी। बेंगलुरु में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री को हत्या का ‘‘अभियुक्त” बताया था। इस बात को सुनकर मेरा मन बहुत आहत हुआ था. इसके बाद मैंने अपने वकील की मदद से मुकदमा किया था, जिसपर आज 5 साल बाद यह फैसला आया है।”
विजय मिश्रा की ओर से पेश हुए वकील संतोष कुमार पांडे ने कहा कि अगर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए तो उन्हें अधिकतम 2 साल की सजा दी जा सकती है। संतोष कुमार पांडे ने कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। करीब 5 साल पहले अमित शाह जो उस वक्त गृह मंत्री थे। उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। 4 अगस्त 2018 को यह मामला सुल्तानपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में दायर किया गया था। जिस पर सोमवार को जज योगेश कुमार यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 16 दिसंबर को तलब किया है।”