
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में पिछले 24 घंटों से जारी बर्फबारी के कारण क्षेत्र में लगभग एक फीट तक नई बर्फ जम चुकी है। इस बर्फबारी ने पुनर्निर्माण कार्यों को फिर से ठप कर दिया है, जिससे ठंड में भी वृद्धि हुई है। बर्फबारी के कारण पैदल मार्ग पर भी फिसलन का खतरा बढ़ गया है, जबकि निचले इलाकों में बारिश से मौसम सुहावना बना हुआ है।
बर्फबारी का प्रभाव
शुक्रवार देर रात से शुरू हुई बर्फबारी शनिवार दिनभर जारी रही, जिससे समूची केदारपुरी क्षेत्र सफेद चादर से ढक गया। इस बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को अस्थायी रूप से वापस लौटना पड़ा है, जिससे कार्यों में देरी हो सकती है। लोनिवि गुप्तकाशी के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि सीमेंट वर्क भी बंद कर दिया गया है, और मजदूरों को अस्थायी रूप से वापस बुलाया गया है।
तापमान में गिरावट
बर्फबारी के कारण केदारनाथ में न्यूनतम तापमान माइनस 2 और अधिकतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे ठंड में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय निवासियों और पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पैदल मार्ग पर खतरा
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फबारी और बारिश के कारण सुधार कार्य प्रभावित हुए हैं। नई बर्फ जमने से रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट तक फिसलन का खतरा बढ़ गया है, जिससे यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए सावधानी बरतना आवश्यक हो गया है।
निचले इलाकों में मौसम
जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग सहित तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, ऊखीमठ, मयाली, जखोली में सुबह से पूर्वान्ह तक रुक-रुककर हल्की बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई है और ठंड का प्रकोप बढ़ा है।
आगे का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में तेज गर्जन के साथ झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं। 13 अप्रैल से प्रदेशभर में मौसम साफ होने की संभावना है।