
पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता और महिला नेता रीना गुप्ता को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Punjab Pollution Control Board – PPCB) का चेयरपर्सन नियुक्त किए जाने के बाद सियासी बवाल मच गया है। विपक्षी दलों—भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस—ने इस नियुक्ति को लेकर मान सरकार पर तीखा हमला बोला है और आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार अब पूरी तरह से दिल्ली के नेताओं के इशारों पर चल रही है।
जहां आम आदमी पार्टी इस निर्णय को “योग्यता आधारित” और “पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मजबूत कदम” बता रही है, वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि यह नियुक्ति “पंजाबियों के साथ धोखा” और “स्थानीय प्रतिभाओं की अनदेखी” है।
रीना गुप्ता कौन हैं?
रीना गुप्ता आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और दिल्ली सरकार के पर्यावरण सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर लंबे समय तक कार्य किया है और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ी रही हैं। उनके समर्थक मानते हैं कि वह पर्यावरण विषयों पर गहरी समझ और अनुभव रखती हैं।
हालांकि, उनके पंजाब से सीधे कोई संबंध नहीं होने के कारण यह नियुक्ति राज्य की राजनीति में विवाद का कारण बन गई है।
बीजेपी ने जताई तीखी आपत्ति
बीजेपी नेता रजनीश धीमान ने इस निर्णय को “पंजाब के लोगों के साथ विश्वासघात” करार देते हुए कहा कि,
“जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आप को हार का सामना करना पड़ा, तब उन्होंने अपना पूरा ध्यान पंजाब पर केंद्रित कर लिया है। रीना गुप्ता की नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि अब पंजाब सरकार, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के रिमोट कंट्रोल से चल रही है।”
धीमान ने तंज कसते हुए कहा, “क्या पंजाब में कोई भी योग्य पर्यावरण विशेषज्ञ नहीं है जो इस पद के लिए उपयुक्त होता? क्या अब पंजाब की नौकरशाही भी बाहरी नेताओं को सौंप दी जाएगी?”
कांग्रेस का हमला: “यह पंजाबियों के साथ धोखा”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने इस नियुक्ति को “गंभीर अपमान” बताया और कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल के आगे घुटने टेक दिए हैं।
खैहरा ने कहा,
“पंजाब के युवाओं, विशेषज्ञों और अफसरों को नज़रअंदाज़ कर दिल्ली की एक नेता को इतने अहम पद पर बैठाना इस बात का प्रमाण है कि भगवंत मान अब स्वतंत्र नहीं हैं। यह निर्णय पंजाबियों के आत्मसम्मान पर हमला है। आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि वह पंजाबियों को प्राथमिकता देगी, लेकिन अब दिल्ली के लोगों को यहाँ की कुर्सियां दी जा रही हैं।”
आप का बचाव: “योग्यता के आधार पर हुई नियुक्ति”
हालांकि, आम आदमी पार्टी इस नियुक्ति का बचाव करते हुए इसे “पर्यावरणीय दिशा में सार्थक कदम” बता रही है। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि रीना गुप्ता का पर्यावरण नीति और प्रशासनिक अनुभव इस पद के लिए उपयुक्त है। उनका दावा है कि रीना गुप्ता ने दिल्ली में स्मॉग और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए कई सफल प्रयास किए हैं, जिनसे पंजाब भी लाभान्वित हो सकता है।
आप के एक प्रवक्ता ने कहा,
“यह नियुक्ति योग्यता आधारित है। रीना गुप्ता एक अनुभवी पर्यावरण विशेषज्ञ हैं जिन्होंने नीति निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक उल्लेखनीय कार्य किया है। पंजाब को ऐसे ही सशक्त नेतृत्व की जरूरत है।”