उत्तराखंड सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता या संरक्षक को खो चुके बच्चों की देखभाल के लिए ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को आर्थिक सहायता और मानसिक सहयोग प्रदान करना है, जिनकी जिंदगी इस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। योजना के तहत राज्य सरकार ने बच्चों के लिए विशेष वित्तीय सहायता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान किया।
धांधली का खुलासा
हाल ही में एक विभागीय जांच में इस योजना में व्यापक धांधली का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 113 अपात्र लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इनमें से आठ लाभार्थी तो मृतक पाए गए हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि योजना का लाभ उन लोगों तक पहुंच रहा है, जो इसके हकदार नहीं थे।
जांच की प्रक्रिया
जांच की प्रक्रिया के दौरान विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा अपात्र लाभार्थियों की पहचान की गई। यह भी देखा गया कि कई लाभार्थियों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से योजना का लाभ लिया। विभाग ने यह स्पष्ट किया कि सभी अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनके नाम योजना से हटा दिए जाएंगे।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार की धांधली से उन बच्चों को नुकसान पहुंचता है, जिन्हें वास्तव में इस योजना की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जांच के परिणामों के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
बच्चों के लिए योजना का महत्व
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का महत्व इस संदर्भ में और बढ़ जाता है कि कोविड-19 महामारी ने लाखों बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है। ऐसे बच्चे मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं। इसलिए इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों को पुनर्वास और समर्थन प्रदान करना है, जो इस संकट के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाएं
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत बच्चों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जैसे:
- आर्थिक सहायता: बच्चों को प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि वे अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
- शिक्षा: योजना के तहत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान किया जाता है। सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और स्कॉलरशिप भी उपलब्ध कराई जाती है।
- स्वास्थ्य सेवाएं: बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी भावनात्मक स्थिरता को प्राप्त कर सकें।
- आवास: ऐसे बच्चों के लिए आवास की सुविधा भी दी जाती है, जिनके पास रहने की जगह नहीं है।
भविष्य की चुनौतियां
हालांकि, योजना में धांधली का मामला सामने आने से राज्य सरकार के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। यह जरूरी है कि सरकार योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करे। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए।