
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गईं जब उनके “पंजाब में 32 ग्रेनेड होने और उनमें से 18 के फटने” संबंधी बयान पर पंजाब पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी। यह मामला अब राजनीतिक से बढ़कर राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में पहुंच चुका है। पुलिस ने बाजवा पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धाराओं 197 (1)(d) और 353(2) के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या कहा था प्रताप सिंह बाजवा ने?
प्रताप सिंह बाजवा ने हाल ही में एक निजी समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में दावा किया था: “मुझे पता चला है कि 50 बम पंजाब में पहुंच चुके हैं। इनमें से 18 फट चुके हैं और 32 अभी फटने बाकी हैं।” उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी और जनता के बीच दहशत फैल गई। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पंजाब पहले से ही सीमा पार से हथियारों और ड्रोन की घुसपैठ जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
FIR में कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं?
पंजाब पुलिस ने बाजवा के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया है, वे इस प्रकार हैं:
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BNS धारा 197 (1)(d) — यह धारा भारत की सुरक्षा, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाली झूठी और भ्रामक सूचना के प्रचार से संबंधित है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है।
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BNS धारा 353 (2) — यह धारा उन मामलों से जुड़ी है जहां कोई व्यक्ति विभिन्न समुदायों में द्वेष या घृणा फैलाने के उद्देश्य से गलत या भ्रामक जानकारी फैलाता है।
CM भगवंत मान का तीखा रुख
बयान के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और सार्वजनिक रूप से सवाल उठाते हुए कहा: “न तो राज्य की खुफिया एजेंसियों और न ही केंद्र की किसी एजेंसी ने ऐसी कोई रिपोर्ट साझा की है। अगर बाजवा का यह बयान केवल दहशत फैलाने के लिए था, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू कर दी गई।
पुलिस ने बाजवा के घर पहुंचकर की पूछताछ
रविवार को सहायक पुलिस महानिरीक्षक (AIG) रवजोत कौर ग्रेवाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम मोहाली स्थित बाजवा के आवास पर पहुंची। वहां पुलिस ने बाजवा से पूछताछ की और उनके बयान के स्रोत की जानकारी चाही।
AIG ग्रेवाल ने मीडिया को बताया: “हम यह जानने आए हैं कि प्रताप सिंह बाजवा को यह जानकारी कहां से मिली। यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और हम इसे हल्के में नहीं ले सकते।”
राजनीतिक गलियारों में हलचल
बाजवा के बयान और उस पर दर्ज FIR के बाद पंजाब की राजनीति में उबाल है। कांग्रेस पार्टी ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) इसे “गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन” बता रही है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा: “बाजवा एक वरिष्ठ नेता हैं। अगर उन्होंने कुछ कहा है, तो सरकार को उनकी बात की जांच करनी चाहिए थी, ना कि सीधे FIR दर्ज करनी चाहिए।” वहीं, AAP नेता कुलवंत सिंह ने पलटवार करते हुए कहा: “ऐसे बयान से राज्य में दहशत फैल सकती है। बाजवा को जिम्मेदार नेता की तरह व्यवहार करना चाहिए, न कि अफवाह फैलाने वाला बनना चाहिए।”
क्या है मामला और इसके संभावित परिणाम?
बाजवा के इस बयान का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, जहां पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति और आतंकी गतिविधियों की कोशिशें लगातार होती रही हैं।
अगर पुलिस यह साबित कर पाती है कि बाजवा ने जानबूझकर झूठी और भ्रामक सूचना दी, तो उन पर राष्ट्र विरोधी गतिविधि फैलाने और जनता में भय उत्पन्न करने का गंभीर आरोप सिद्ध हो सकता है। इससे उनका राजनीतिक करियर भी प्रभावित हो सकता है।
कांग्रेस के भीतर भी फूट?
बाजवा के बयान को लेकर कांग्रेस के अंदर भी मतभेद सामने आ सकते हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि इस तरह के बयान “पार्टी लाइन” के खिलाफ हैं और इससे पार्टी की छवि को नुकसान होता है।
हालांकि, अब तक कांग्रेस आलाकमान की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने बाजवा से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
जनता और सुरक्षा एजेंसियों की नजर में मामला संवेदनशील
जनता के बीच बाजवा के बयान ने दहशत की स्थिति बना दी है। सोशल मीडिया पर कई लोग इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ इसे “राजनीतिक स्टंट” कह रहे हैं, तो कुछ इसे “चिंता जनक सूचना” के रूप में ले रहे हैं। वहीं, सुरक्षा एजेंसियां अब इस बयान के पीछे की सच्चाई जानने में जुटी हैं। अगर यह जानकारी किसी वास्तविक खुफिया सूत्र पर आधारित है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर संकेत हो सकता है।