
देशभर में रविवार (6 अप्रैल 2025) को रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की खुशियां मनाई जाती हैं और विभिन्न राज्यों में शोभायात्राएं और धार्मिक रैलियां आयोजित की जाती हैं। इस पर्व के दौरान खासकर पश्चिम बंगाल और झारखंड में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। खासकर पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान शोभायात्राओं में सुरक्षा को लेकर खास निगरानी रखी जा रही है।
पश्चिम बंगाल में सुरक्षा इंतजाम
पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मद्देनजर शनिवार (5 अप्रैल 2025) से ही पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। राज्यभर में रविवार को होने वाली धार्मिक यात्राओं और रैलियों के आयोजन के लिए पुलिस ने अपनी पूरी तैयारियां कर ली हैं। खासकर कोलकाता में यह संभावना जताई जा रही है कि करीब 60 से अधिक धार्मिक यात्राएं निकाली जाएंगी। पुलिस अधिकारी के अनुसार, यात्राओं के मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही अधिकारियों की निगरानी में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी पूरे कार्यक्रम की निगरानी की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राज्यभर में कुल 20 से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों को विभिन्न जिलों के प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। ये अधिकारी हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बर्धमान के आसनसोल, पूर्व बर्धमान, मालदा, मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में स्थिति की निगरानी करेंगे। पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि रामनवमी का पर्व शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जाए।
कोलकाता के पुलिस मुख्यालय लालबाजार से धार्मिक यात्राओं की लाइव निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, पुलिसकर्मी एंटाली, कोसीपोर, खिदरपुर और चितपोर जैसे इलाके में त्वरित प्रतिक्रिया दल के साथ तैनात रहेंगे। इन क्षेत्रों में कोई भी अप्रिय घटना होने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
धार्मिक यात्राओं पर विशेष निगरानी
राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, धार्मिक यात्राओं के मार्गों पर विशेष निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, हावड़ा और कोलकाता के प्रमुख हिस्सों में भी पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। कोलकाता में धार्मिक यात्राओं का सीधा प्रसारण किया जाएगा, ताकि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो तुरंत उस पर कार्रवाई की जा सके।
वहीं, हावड़ा जिले के संकरैल इलाके में देवी सिंहबाहिनी के उपासकों ने शनिवार को एक यात्रा निकाली, जिसमें सैकड़ों लोग तलवार और त्रिशूल की गत्ते की प्रतिकृतियां लिए हुए थे। हालांकि, पुलिस ने इस पर भी कड़ी निगरानी रखी और किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या से बचने के लिए सुरक्षा बढ़ाई।
झारखंड में भी बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था
रामनवमी के मद्देनजर झारखंड राज्य में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। झारखंड पुलिस ने रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह और हजारीबाग जैसे संवेदनशील जिलों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। विशेष रूप से रांची में 200 से ज्यादा मजिस्ट्रेट और 2,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, प्रमुख स्थानों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरों की तैनाती की गई है।
रांची के अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) राजेश्वर नाथ आलोक ने बताया कि पूरे शहर में 650 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 10 ड्रोन कैमरे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा, शहर के प्रमुख मार्गों पर पर्याप्त रोशनी, पेयजल सुविधाएं और चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की गई है।
बोकारो के उपायुक्त जाधव विजय नारायण राव ने बताया कि झारखंड में हर संभव उपाय किए गए हैं ताकि रामनवमी का पर्व शांतिपूर्वक तरीके से मनाया जा सके। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए हैं।
प्रशासन की मॉक ड्रिल
अप्रत्याशित घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने मॉक ड्रिल भी की है। शुक्रवार और शनिवार को विभिन्न जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई, ताकि सुरक्षा बलों को स्थिति का सही तरीके से सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। इस ड्रिल के दौरान पुलिस ने विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की योजना बनाई और उन्हें सही तरीके से अंजाम देने का अभ्यास किया।
झारखंड के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस बार रामनवमी के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा या हिंसा से बचने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस त्योहार के दौरान किसी भी प्रकार की अफवाह फैलने या समूहों के बीच टकराव होने की स्थिति में भी त्वरित कार्रवाई की जाएगी।