
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बुधवार को प्रदेश कांग्रेस ने ‘संविधान बचाओ रैली’ के जरिए भाजपा सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया। देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित इस रैली में कांग्रेस के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के तमाम दिग्गज नेताओं ने भाग लिया और केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार किए। कांग्रेस ने इस रैली को संविधान, लोकतंत्र और अधिकारों की रक्षा के लिए एक ‘जनसंघर्ष’ बताया, जबकि भाजपा ने इसे चारधाम यात्रा में विघ्न डालने का प्रयास करार देते हुए कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।
रैली में जुटी कांग्रेस की पूरी ताकत
रैली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव कुमारी शैलजा, वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सह प्रभारी सरदार परगट सिंह, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल, और पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत जैसे नेताओं ने न केवल मंच साझा किया, बल्कि कार्यकर्ताओं को संबोधित कर भाजपा के खिलाफ मोर्चा भी खोला।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा की अगुवाई में आयोजित इस रैली को पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर को मजबूत करने और आगामी चुनावों की तैयारी के रूप में भी देखा। मंगलवार को ही कांग्रेस नेताओं ने रैली स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया था, जिसमें कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में जुटने का आह्वान किया गया था।
कुमारी शैलजा का भाजपा पर हमला
कुमारी शैलजा ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा की सरकारें लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “देश में संविधान की आत्मा को कुचला जा रहा है। आरक्षण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं। यह रैली केवल उत्तराखंड नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक संदेश है कि जनता अपने अधिकारों को लेकर सजग है।”
सचिन पायलट ने भी साधा निशाना
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों और ‘तानाशाही प्रवृत्ति’ की आलोचना की। उन्होंने कहा, “संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। आज जिस तरह से संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, उससे देश की लोकतांत्रिक संरचना पर खतरा मंडरा रहा है।”
कार्यकर्ताओं में दिखा जोश
रैली में उत्तराखंड के कोने-कोने से कार्यकर्ता पहुंचे। रेंजर्स ग्राउंड में हज़ारों की संख्या में जुटी भीड़ ने कांग्रेस नेताओं के भाषणों पर तालियों और नारों के साथ समर्थन जताया। ‘संविधान बचाओ’, ‘लोकतंत्र बचाओ’, और ‘भाजपा हटाओ’ जैसे नारों से माहौल गूंज उठा। कांग्रेस नेताओं ने इसे आगामी चुनावों की रणनीतिक शुरुआत बताया।
भाजपा ने रैली की टाइमिंग पर उठाए सवाल
वहीं भाजपा ने इस रैली को लेकर कांग्रेस की मंशा और समय-चयन पर कड़ा विरोध जताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने प्रेस वार्ता में कहा कि, “जब उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जैसी महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा शुरू हो रही है, तब कांग्रेस का यह राजनीतिक आयोजन दुर्भावनापूर्ण है। यह यात्रा में विघ्न डालने की साजिश है।”
भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पहले भी चारधाम यात्रा के समय विभिन्न रूपों में विरोध और प्रदर्शन कर यात्रियों व प्रशासन को बाधित करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि, “राज्य की आर्थिक रीढ़ कही जाने वाली इस यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन कर कांग्रेस ने यह साबित कर दिया है कि वह विकास विरोधी और राज्य विरोधी राजनीति कर रही है।”
‘आपातकाल’ का हवाला देकर कांग्रेस पर हमला
भाजपा ने कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान को ‘दोहरे मापदंड’ करार दिया। महेंद्र भट्ट ने कहा, “जिस पार्टी के इतिहास में आपातकाल जैसे काले अध्याय हैं, वह आज संविधान की दुहाई दे रही है। यह वही कांग्रेस है जिसने लोकतंत्र का गला घोंटा था। अब जब जनता ने उसे बार-बार नकार दिया है, तो वह संविधान की आड़ लेकर भ्रम फैलाने का काम कर रही है।”
भट्ट ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो वह चारधाम यात्रा के समय इस तरह के राजनीतिक आयोजन से परहेज करे और राज्यहित में प्रशासन के साथ मिलकर काम करे।