बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को आधिकारिक पत्र भेजा है। यह कदम बांग्लादेश सरकार की ओर से शेख हसीना को न्यायिक प्रक्रिया के तहत अपने देश वापस लाने के लिए उठाया गया है। सोमवार, 23 दिसंबर 2024 को बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन और गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम ने इस संबंध में भारत से प्रत्यर्पण की मांग की। इसके तहत बांग्लादेश ने भारतीय सरकार से शेख हसीना की भारत से वापसी की अपील की है, ताकि वह अपने खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर सकें।
शेख हसीना पर क्या आरोप हैं?
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर बांग्लादेश में गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें सामूहिक हत्या, लूटपाट और जालसाजी के आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश के एक आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में शेख हसीना पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने बांग्लादेश के कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों को गायब करवाया था। ‘अन्फोल्डिंग द ट्रूथ’ नामक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि शेख हसीना ने सत्ता में रहते हुए राजनीतिक विरोधियों को गायब करने के लिए कई कार्यवाहियां की थीं। इन आरोपों के आधार पर बांग्लादेश सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संबंधी एक महत्वपूर्ण संधि 2013 में हुई थी, जो दोनों देशों के बीच ‘प्रत्यर्पणीय अपराध मामलों’ में सहयोग की अनुमति देती है। इस संधि के तहत दोनों देशों के सरकारें एक-दूसरे से उन आरोपियों और भगोड़ों को प्रत्यर्पित कर सकती हैं जो गंभीर अपराधों में शामिल हैं। इसमें आतंकवाद, हत्या, बम धमाका, गुमशुदगी जैसे अपराधों के आरोपी शामिल हैं। बांग्लादेश सरकार ने इस संधि का हवाला देते हुए शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है।
किन अपराधों के तहत प्रत्यर्पण की मांग की जा सकती है?
भारत और बांग्लादेश के बीच किए गए प्रत्यर्पण संधि में राजनीतिक मामलों को छोड़कर अपराध में शामिल व्यक्तियों के प्रत्यर्पण की मांग की जा सकती है. इन अपराधों में आतंकवाद, बम धमाका, हत्या और गुमशुदगी सरीखे अपराधों को शामिल किया गया. हालांकि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ सामूहिक हत्या, लूटपाट और जालसाजी के आरोप लगाए हैं. इसके अलावा बांग्लादेश के एक आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में उनपर लोगों को गायब करने का भी आरोप लगाया है. ‘अन्फोल्डिंग द ट्रूथ’ नाम की इस रिपोर्ट में शेख हसीना पर आरोप लगाए गए थे कि वह बांग्लादेश के कुछ अहम शख्सियतों को गायब करवा रही हैं.