
A man holding a gun in hand, the ship ready to shoot the man pointed a gun at us. A man holding a gun was robbed.
पंजाब के जालंधर शहर में शुक्रवार को एक हाई-प्रोफाइल गोलीकांड सामने आया है। थाना-7 के अंतर्गत छोटी बारादरी स्थित पिम्स अस्पताल के सामने एक निर्माणाधीन प्लॉट में हुई झड़प के दौरान आईएएस अधिकारी बबिता कलेर के निजी गनमैन द्वारा चलाई गई गोली से एक व्यक्ति घायल हो गया। घायल की पहचान हरप्रीत सिंह के रूप में हुई है, जिसे तत्काल इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है, और गनमैन को हिरासत में लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना शुक्रवार सुबह की है जब आईएएस बबिता कलेर के आवास के पास स्थित एक खाली प्लॉट में निर्माण कार्य चल रहा था। इस पर विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब बबिता कलेर के पति स्टीफन कलेर ने निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से मालिक से बात करवाने को कहा। मजदूरों और स्टीफन के बीच तीखी बहस हो गई, जिसके बाद स्टीफन कथित तौर पर अपने घर के अंदर चले गए।
कुछ देर बाद, दोनों पक्षों के बीच तनातनी और बढ़ गई और मामला हिंसा में तब्दील हो गया। स्टीफन के अनुसार, उनके गनमैन के साथ आए कुछ लोगों ने बहस कर ली और दूसरे पक्ष के पास भी हथियार थे। इसी झड़प के दौरान गनमैन सुखकरण सिंह ने आत्मरक्षा में गोली चला दी, जो हरप्रीत सिंह के पैर में जाकर लगी।
घटना के बाद प्रशासनिक हलचल
गोली चलने की सूचना मिलते ही एसीपी मॉडल टाउन और एडीसीपी-2 हरिंदर सिंह गिल तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने हालात का जायजा लिया और मौके से गनमैन को हिरासत में ले लिया गया। एडीसीपी हरिंदर सिंह गिल ने मीडिया को बताया: “प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि गनमैन और निर्माण कार्य में लगे लोगों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद गोली चली। आरोपी गनमैन सुखकरण सिंह को हिरासत में ले लिया गया है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।”
दोनों पक्षों के दावों में बड़ा अंतर
घटना के बाद दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग बयान सामने आए हैं।
- आईएएस अधिकारी के पति स्टीफन कलेर का कहना है कि विवाद के समय दूसरा पक्ष भी हथियारों से लैस था और उनके गनमैन ने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
- दूसरी ओर, घायल पक्ष के लखबीर सिंह का आरोप है कि यह गोली बबिता कलेर के इशारे पर चलाई गई। उन्होंने बताया कि वे लोग केवल मिट्टी भरने का काम कर रहे थे और दूसरी ट्रॉली लाते समय बिना किसी चेतावनी के फायरिंग कर दी गई।
लखबीर सिंह ने कहा: “हम शांतिपूर्वक अपना काम कर रहे थे। हमारी कोई मंशा झगड़े की नहीं थी। गोली जानबूझकर चलाई गई और वह भी एक सरकारी अधिकारी के कहने पर।”