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पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से विधिवत रूप से शुरू हो गया। यह सत्र कई मायनों में खास है, खासकर इसलिए क्योंकि इसमें नवनियुक्त मंत्री संजीव अरोड़ा पहली बार विधायी प्रक्रिया का हिस्सा बने। वह अब मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल की जगह सदन में नई सीट पर बैठे, जिससे संकेत मिलते हैं कि राज्य सरकार में कुछ प्रशासनिक फेरबदल भविष्य में और भी देखे जा सकते हैं। सत्र की शुरुआत सामान्य कार्यवाही से हुई, लेकिन जैसे-जैसे मुद्दों पर चर्चा आगे बढ़ी, सदन का माहौल राजनीतिक और भावनात्मक दोनों रूपों में गरमाने लगा।
संजीव अरोड़ा की नई शुरुआत
संजीव अरोड़ा, जो हाल ही में राज्य कैबिनेट में शामिल किए गए हैं, ने आज पहली बार विधायक के तौर पर पंजाब विधानसभा की प्रक्रिया में भाग लिया। उन्हें कुलदीप सिंह धालीवाल की पूर्व सीट पर बैठाया गया, जो अब मंत्रिमंडल में नहीं हैं। राजनीतिक हलकों में अरोड़ा की नियुक्ति को आम आदमी पार्टी (AAP) की अंदरूनी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें प्रशासनिक दक्षता और राजनीतिक संतुलन बनाए रखने पर ज़ोर दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, अरोड़ा को अब गृह और शहरी विकास विभाग जैसे प्रमुख मंत्रालय की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।
लैंड पूलिंग नीति पर हंगामे के आसार
विशेष सत्र का प्रमुख उद्देश्य लैंड पूलिंग पॉलिसी पर चर्चा करना है, जिसे लेकर राज्य सरकार नई योजना लागू करने जा रही है। लेकिन विपक्ष—खासतौर पर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल—ने इस नीति को किसानों के हितों के विरुद्ध बताते हुए विरोध का ऐलान किया है।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, जो सत्र में सक्रिय रूप से मौजूद रहे, ने सरकार से मांग की कि इस नीति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और पहले जमीनी स्तर पर किसानों से राय ली जाए। उनका कहना था, “यह नीति पूंजीपतियों के हित में है, किसानों की ज़मीन पर सवालिया निशान खड़ा करती है। सरकार ने इसे लागू करने से पहले जनसंवाद क्यों नहीं किया?” सदन में जैसे ही इस विषय पर चर्चा शुरू हुई, कांग्रेस विधायकों ने नारेबाज़ी और वाकआउट की चेतावनी दी, जिससे कुछ समय के लिए कार्यवाही बाधित रही।
अहमदाबाद विमान हादसे पर शोक प्रस्ताव
मंत्री अमन अरोड़ा ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले अहमदाबाद विमान हादसे पर शोक जताने की इच्छा व्यक्त की। इस हादसे में हाल ही में कई निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी। अरोड़ा ने सदन से अनुरोध किया कि एक मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी जाए। इस भावनात्मक प्रस्ताव को सभी दलों की सहमति मिली और पूरा सदन श्रद्धांजलि के लिए खड़ा हुआ।
अबोहर में व्यापारी की हत्या: विपक्ष ने उठाए सवाल
सत्र के दौरान अबोहर में व्यापारी संजय वर्मा की हत्या का मुद्दा भी जोरशोर से उठा। प्रताप सिंह बाजवा ने इस घटना के बहाने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
उन्होंने सीधे स्पीकर कुलतार संधवा को संबोधित करते हुए कहा: “आप पंजाब पुलिस की कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं, जबकि हकीकत ये है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई अब तक कानून की गिरफ्त से बाहर है। आम जनता को सुरक्षा का एहसास नहीं है।” बाजवा के इस कटाक्ष के बाद सदन में शोरगुल शुरू हो गया, और स्पीकर को कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लॉरेंस बिश्नोई का मुद्दा और राजनीति
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाल के वर्षों में पंजाब में अपराध, विशेषकर संगठित अपराध से जोड़कर देखा जाता है। पिछले कई हाई-प्रोफाइल मामलों में उसका नाम सामने आया है, लेकिन आज तक कोई निर्णायक गिरफ्तारी या सज़ा नहीं हुई है। बाजवा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल “कागजी कार्रवाई” में लगी हुई है और जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि यही हाल रहा तो पंजाब की साख पर बुरा असर पड़ेगा और निवेशक राज्य में आने से कतराएंगे।
विपक्ष की तैयारी और रणनीति
कांग्रेस और अकाली दल दोनों ने संकेत दिए हैं कि अगर लैंड पूलिंग पॉलिसी को बिना संशोधन के लागू किया गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। बाजवा ने सत्र के बाद मीडिया से बातचीत में कहा: “हम सदन में भी विरोध करेंगे और सड़क पर भी। किसानों की ज़मीन कोई सौदेबाज़ी की वस्तु नहीं है।” उधर, शिअद नेता दलजीत चीमा ने भी इस नीति को “पंजाब विरोधी” बताया और कहा कि यह “दिल्ली की तर्ज पर थोपे गए मॉडल का हिस्सा” है।