
उत्तराखंड की राजनीति एक बार फिर गरमाती नजर आ रही है। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल के उस बयान के बाद सियासी हलकों में हलचल मच गई है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि प्रदेश कांग्रेस में जल्द बड़ा विभाजन होगा। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व को ‘दिशाहीन’ करार देते हुए कांग्रेस से लगातार हो रहे पलायनों पर भी सवाल खड़े किए। उनके इस बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने पलटवार करते हुए कहा कि “खा-पीकर खिसकने वाले कांग्रेस की चिंता न करें।”
इस जुबानी जंग ने राज्य की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बीच चल रही विचारधारा की टकराहट को एक बार फिर सतह पर ला दिया है। कांग्रेस से भाजपा में आए दिनेश अग्रवाल के आरोपों को जहां भाजपा ने “जमीनी हकीकत” बताया है, वहीं कांग्रेस ने उन्हें “स्वार्थी राजनीति” का प्रतीक करार दिया।
दिनेश अग्रवाल का तीखा प्रहार: कांग्रेस नेतृत्व दिशाहीन
पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी की मौजूदा दशा चिंता जनक है और इसके चलते भविष्य में “बड़ा राजनीतिक विभाजन” देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व पूरी तरह दिशाहीन हो चुका है। पार्टी से नेताओं का लगातार पलायन हो रहा है। यह विचार करने का विषय है कि ऐसा क्यों हो रहा है।”
उन्होंने दावा किया कि उनके जैसे समर्पित और अनुभवी कार्यकर्ताओं को पार्टी में कभी उचित सम्मान नहीं मिला, जबकि उनके जाने के बाद पार्टी की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई। अग्रवाल ने याद दिलाया कि उन्होंने 1968 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी, “जब पार्टी के मौजूदा कई नेता पैदा भी नहीं हुए थे।”
उनके अनुसार, कांग्रेस में लंबे समय तक काम करने के बाद जो सम्मान और पद उन्होंने हासिल किए, वह किसी की “खैरात” नहीं थे, बल्कि उनकी मेहनत और निष्ठा का फल थे।
महाधिवेशन पर भी उठाया सवाल
दिनेश अग्रवाल ने हाल ही में आयोजित कांग्रेस के महाधिवेशन पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के मौजूदा अधिवेशन निराशाजनक रहे हैं। पार्टी के विचार और दिशा दोनों ही कमजोर हुए हैं।” उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि शायद वह पहली बार किसी कांग्रेस अधिवेशन में भाग ले रहे थे, जबकि उन्होंने कई बार पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के अधिवेशनों में सक्रिय भूमिका निभाई है।
करन माहरा का पलटवार: कांग्रेस ने सब कुछ दिया, फिर भी छोड़ गए
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने दिनेश अग्रवाल के बयान को “हास्यास्पद और स्वार्थ से प्रेरित” बताया। उन्होंने कहा, “अग्रवाल जैसे नेता जो कांग्रेस में रहकर सब कुछ खा-पीकर अब भाजपा की गोद में बैठ गए हैं, उन्हें पार्टी की चिंता करने का कोई अधिकार नहीं है।”
माहरा ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अग्रवाल को हर वह सम्मान दिया जिसकी एक राजनेता को आवश्यकता होती है—मंत्री पद, संगठनात्मक पद और जनसमर्थन। उन्होंने कहा, “आज जब उन्हें भाजपा में कोई पूछ नहीं रही, तो उन्हें कांग्रेस की याद सताने लगी है।”
“कांग्रेस को कमजोर बताना भ्रम है”
माहरा ने दिनेश अग्रवाल के इस दावे को भी सिरे से खारिज किया कि उनके जाने से कांग्रेस कमजोर हुई है। उन्होंने कहा, “अग्रवाल को भ्रम है कि उनके बिना कांग्रेस कमजोर हुई है। हमनें मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव जीते हैं। साथ ही नगर निकाय चुनावों में भी कांग्रेस ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि अग्रवाल को अब 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए और भाजपा में अपनी स्थिति को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए।