
उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को कांवड़ यात्रा की पवित्रता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह यात्रा भगवान शिव की एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसे शिवभक्त गहरे श्रद्धा भाव से पूरी करते हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कोई शरारती तत्व इस पवित्र यात्रा में बाधा डालने या अस्थिरता फैलाने का प्रयास करता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री सैनी ने यह बात उस समय कही जब वे भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के देहरादून स्थित आवास पर पहुंचे। उन्होंने बंसल की माता के निधन पर शोक प्रकट किया और दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कांवड़ यात्रा के सामाजिक और धार्मिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कांवड़ यात्रा: आस्था और श्रद्धा का प्रतीक
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह आस्था, अनुशासन और संयम का प्रतीक है। हर साल लाखों शिवभक्त गंगा का पवित्र जल लेने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं और अपने गांव या शहर के शिवालयों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। यह पूरी यात्रा भक्तों की श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन का परिचायक होती है।”
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान जो भी हुड़दंग या असामाजिक गतिविधियां करने का प्रयास करते हैं, वे न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाते हैं।
शरारती तत्वों पर हो कठोर कार्रवाई
मुख्यमंत्री सैनी ने साफ शब्दों में कहा कि “कोई भी व्यक्ति या समूह अगर कांवड़ यात्रा में बाधा डालता है, अशांति फैलाता है या शांति व्यवस्था को बिगाड़ता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। हमारी सरकार इस मुद्दे पर बिल्कुल भी समझौता नहीं करेगी।”
उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि राज्य सरकारों को एक-दूसरे के साथ समन्वय में काम करना चाहिए ताकि इस तरह की पवित्र यात्राओं को बिना किसी रुकावट के संपन्न किया जा सके।
उत्तराखंड सरकार के ‘कालनेमि अभियान’ की सराहना
मुख्यमंत्री सैनी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘कालनेमि अभियान’ की खुले दिल से सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियानों से समाज में सुरक्षा का संदेश जाता है और असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने में मदद मिलती है।
‘कालनेमि अभियान’ के तहत उत्तराखंड पुलिस ने हाल के दिनों में कांवड़ यात्रा में अशांति फैलाने वाले कई लोगों को चिन्हित कर उन पर सख्त कार्रवाई की है। इस अभियान का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और शांतिपूर्ण बनाना है।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “उत्तराखंड सरकार की यह पहल सराहनीय है। हरियाणा में भी इसी प्रकार का अभियान चलाया जाएगा ताकि हम कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधियों को रोक सकें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि श्रद्धालुओं को सुरक्षा और शांति का माहौल प्रदान करें।”
राज्य सरकारों में आपसी समन्वय की आवश्यकता
इस मौके पर मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी कहा कि उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों—जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली—से बड़ी संख्या में शिवभक्त कांवड़ यात्रा में भाग लेते हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इन राज्यों की सरकारें आपसी समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने कहा, “एक राज्य से शुरू होकर दूसरे राज्य में प्रवेश करने वाली यह यात्रा प्रशासनिक स्तर पर बेहतर तालमेल की मांग करती है। सुरक्षा, चिकित्सा, ट्रैफिक नियंत्रण और सफाई जैसी व्यवस्थाएं तभी कारगर होती हैं जब राज्य सरकारें आपसी सहयोग और योजना के तहत काम करें।”
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाओं की जरूरत
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि शिवभक्तों की सुविधा के लिए यात्रा मार्गों पर पर्याप्त चिकित्सा सहायता, शुद्ध पेयजल, मोबाइल टॉयलेट्स, विश्राम स्थल और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार पहले ही हरियाणा में कांवड़ यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है। इस बार हमने यात्रा मार्गों पर CCTV कैमरे, महिला सुरक्षा दल और मेडिकल रेस्पॉन्स टीमें तैनात की हैं।”
कांवड़ यात्रा का सामाजिक महत्व
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द का भी प्रतीक है। इस यात्रा में हर वर्ग, हर उम्र और हर जाति के लोग शामिल होते हैं। गांव-गांव और शहर-शहर में लोगों द्वारा कांवड़ियों के लिए जलपान, विश्राम और दवा जैसी व्यवस्थाएं करना हमारे समाज के पारस्परिक सहयोग की मिसाल है। उन्होंने कहा कि जब इतने बड़े स्तर पर एकजुटता दिखती है, तो यह देश की सामाजिक ताकत को दर्शाता है।