
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 23 सितंबर को एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखना और उसे अपने पास रखना अपराध है। कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व में आए फैसले को पलटते हुए यह निर्णय लिया, सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्री डाऊनलोड करना और उसे अपने पास रखना अपराध है।