
हरियाणा के मुख्यमंत्री और उनकी नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को पंचकुला के सेक्टर 5 स्थित दशहरा ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू होगा। कार्यक्रम को लेकर प्रदेश भाजपा की ओर से भव्य तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें एक लाख लोगों की मौजूदगी का दावा किया जा रहा है।
बीजेपी की जीत की हैट्रिक
यह शपथ ग्रहण समारोह भाजपा के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि पार्टी ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की है। इससे पहले, भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव में उल्लेखनीय सफलता हासिल की, जिससे यह साबित होता है कि जनता ने एक बार फिर पार्टी पर विश्वास जताया है।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले नेता
इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को इस कार्यक्रम के लिए न्योता भेजा गया है। सभी नेता पहले चंडीगढ़ पहुंचेंगे, जिससे इस कार्यक्रम का महत्व और बढ़ जाता है।
अमित शाह की केंद्रीय भूमिका
केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा के इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। वे विधायक दल के नेता के नाम की घोषणा करेंगे। हरियाणा का यह शपथ ग्रहण समारोह महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के पहले भाजपा के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है।
नए चेहरे की संभावना
जबसे अमित शाह को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है, तबसे प्रदेश में हलचल तेज हो गई है। भाजपा में चर्चा है कि इस बार कुछ नए और अप्रत्याशित चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। चुनावों से पहले भाजपा ने स्पष्ट किया था कि नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, लेकिन अन्य नामों पर भी चर्चा हो रही है।
सीएम के दावेदार
अनिल विज और राव इंद्रजीत भी मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में शामिल रहे हैं। दोनों ने अपने समर्थन का इज़हार भी किया था। हालांकि चुनाव परिणाम के बाद, राव इंद्रजीत ने अपनी दावेदारी लगभग वापस ले ली है। उनके बगावत करने की अटकलें भी थीं, लेकिन उन्होंने खुद सोशल मीडिया के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि सभी भाजपा विधायक एकजुट हैं और पार्टी के प्रति उनकी वफादारी अटूट है।