टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका समूह अगले पांच वर्षों में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 5 लाख नौकरियां पैदा करेगा। यह घोषणा इंडियन फाउंडेशन फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट की एक संगोष्ठी में की गई, जहां उन्होंने भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लिए विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डाला।
विकास के लक्ष्य के लिए रोजगार आवश्यक
चंद्रशेखरन ने कहा, “यदि भारत विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियां पैदा नहीं कर सकता, तो वह विकसित राष्ट्र होने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता।” उनका यह बयान इस तथ्य को दर्शाता है कि रोजगार सृजन केवल आर्थिक विकास के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता के लिए भी आवश्यक है।
सेमीकंडक्टर उद्योग में निवेश
टाटा समूह के चेयरमैन ने सेमीकंडक्टर उद्योग में उनके समूह द्वारा किए जा रहे निवेश का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर के उत्पादन के लिए असम में एक नया संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जो न केवल इस क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी उद्योग में पहल
चंद्रशेखरन ने इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी उद्योग की भी बात की, जिसमें टाटा समूह नए विनिर्माण इकाइयां स्थापित कर रहा है। “हम कई संयंत्र स्थापित कर रहे हैं, जो इन उद्योगों में रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगे,” उन्होंने कहा।
अप्रत्यक्ष नौकरियों का असर
चंद्रशेखरन ने इस बात पर जोर दिया कि नए युग के विनिर्माण, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर उत्पादन, एक रोजगार के लिए आठ से दस अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कर सकता है। “बुनियादी गणित के आधार पर, इन नौकरियों का कई गुना प्रभाव पड़ेगा,” उन्होंने कहा। यह बात दर्शाती है कि एक मजबूत विनिर्माण क्षेत्र न केवल सीधे रोजगार पैदा करता है, बल्कि उससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं।
पारिस्थितिकी तंत्र का विकास
उन्होंने यह भी बताया कि एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना आवश्यक है। “कम से कम 5 लाख छोटी और मध्यम स्तर की कंपनियां भी इस पारिस्थितिकी तंत्र में आएंगी,” चंद्रशेखरन ने कहा। यह बात बताती है कि कैसे बड़े उद्योगों का विकास छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए भी अवसर प्रदान करेगा।