
पंजाब को नशे की चपेट से बाहर निकालने के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने अब एक नई रणनीति के तहत ‘नशा मुक्ति मोर्चा’ का शुभारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने इसे ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान का दूसरा चरण बताया है। इस अभियान के तहत राज्य भर में बड़े स्तर पर जनजागरूकता, पुलिस कार्रवाई और कड़ी निगरानी की जा रही है। नया स्लोगन “हारेगा नशा, जीतेगा पंजाब” अब इस मुहिम का चेहरा बनेगा।
नशा मुक्ति मोर्चा के तहत आम आदमी पार्टी ने राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए जोनल कोऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति कर दी है। बलतेज पन्नू को मोर्चे का मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। साथ ही माझा, दोआबा, और मालवा क्षेत्रों में विशेष कोऑर्डिनेटर्स को जिम्मेदारी दी गई है। यह अभियान अब केवल सरकारी स्तर पर नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की भागीदारी से जन आंदोलन का रूप लेने जा रहा है।
नशा मुक्त पंजाब: AAP सरकार की प्राथमिकता
2017 के बाद से पंजाब में नशे की समस्या लगातार राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का हिस्सा रही है। 2022 में सत्ता में आने के बाद से ही भगवंत मान सरकार ने इसे शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया। ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान की शुरुआत करते हुए पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर नशा तस्करों पर कार्रवाई की गई।
अब सरकार इस लड़ाई को नीति और जनसंपर्क के स्तर पर भी व्यापक बनाने की ओर बढ़ रही है।
सीएम भगवंत मान ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था, “हम पंजाब को नशे के अंधेरे से निकालकर उम्मीद और उजाले की ओर ले जाएंगे। यह हमारी नैतिक और राजनीतिक जिम्मेदारी है।”
पुलिस कार्रवाई से बुलडोजर तक: कड़ा संदेश तस्करों को
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के पहले चरण में पंजाब पुलिस ने सैकड़ों बड़े नशा तस्करों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही उनके द्वारा अर्जित काली कमाई से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त किया गया। कई मामलों में बुलडोजर कार्रवाई भी हुई, जिसमें अवैध निर्माण ढहाए गए।
इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल तस्करों को पकड़ना है, बल्कि यह दिखाना भी है कि सरकार किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरतेगी। राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
‘नशा मुक्ति मोर्चा’ की शुरुआत: रणनीति को मिला नया मोड़
अब सरकार ने इस लड़ाई को जनांदोलन का रूप देने के लिए ‘नशा मुक्ति मोर्चा’ की नींव रखी है। पार्टी ने इस अभियान को राजनीतिक और सामाजिक संवाद के केंद्र में लाने के लिए प्रदेश भर में जोनल कोऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति की है:
- मुख्य प्रवक्ता: बलतेज पन्नू
- दोआबा ज़ोन कोऑर्डिनेटर: नयन छाबड़ा
- माझा ज़ोन कोऑर्डिनेटर: सोनिया मान
- मालवा ईस्ट कोऑर्डिनेटर: जगदीप जग्गा
- मालवा वेस्ट कोऑर्डिनेटर: चूसपिंदर चहल
- मालवा सेंट्रल कोऑर्डिनेटर: सुखजीत सिंह ढिलवां
इन नियुक्तियों का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय समस्याओं की पहचान करना, समुदाय को जोड़ना, और सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है।
जन जागरूकता से सामाजिक भागीदारी तक
नशा मुक्ति मोर्चा का मुख्य उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक नहीं है, बल्कि सामाजिक स्तर पर लोगों को जागरूक और सक्रिय बनाना है। इसके तहत स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों, धार्मिक स्थलों और शहरी क्षेत्रों में जन संवाद कार्यक्रम, रैली, नुक्कड़ नाटक, सेमिनार और नशा विरोधी शपथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुख्य प्रवक्ता बलतेज पन्नू ने कहा, “हमारा मकसद है कि नशे के खिलाफ सिर्फ कानून ही नहीं, समाज खुद आवाज उठाए। जब तक समाज खुद आगे नहीं आता, तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी।”
युवाओं को बनाया जाएगा अभियान का चेहरा
इस अभियान में युवाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर ‘नशा मुक्त योद्धा’ बनाए जा रहे हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में संबंधित सूचनाएं, कार्यक्रम और आपसी संवाद के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का प्रयास करेंगे।
राज्य सरकार का मानना है कि पंजाब की युवा शक्ति ही असली ताकत है और उसी को जागरूक कर इस लड़ाई को जीता जा सकता है।