
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में शोक व्यक्त किया जा रहा है। उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों में सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में दो मिनट का मौन रखा गया। यह हृदयविदारक घटना, जिसने न केवल जम्मू-कश्मीर को बल्कि समूचे देश को दहला दिया है, पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे “कायरता की पराकाष्ठा” बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने बयान में कहा, “निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाना एक अमानवीय और घोर निंदनीय कृत्य है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्माओं को शांति और उनके परिजनों को यह असहनीय पीड़ा सहन करने की शक्ति मिले।”
घटना ने देश को किया स्तब्ध
मंगलवार दोपहर पहलगाम की खूबसूरत बायसरन घाटी, जो आमतौर पर हरी-भरी वादियों और शांत वातावरण के लिए जानी जाती है, गोलियों की गूंज से थर्रा उठी। आतंकियों ने अचानक पहाड़ियों से उतरकर पर्यटकों को निशाना बनाया। हमले में मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय निवासी भी शामिल हैं। इस भयावह हमले ने देश के प्रत्येक नागरिक को झकझोर कर रख दिया है।
हमले के कुछ ही घंटों के भीतर देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घटनाक्रम की निंदा की और केंद्र सरकार से घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की मांग की।
जम्मू-कश्मीर सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हमले के तुरंत बाद एक्शन लेते हुए पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। सबसे अहम पहल के तौर पर, सरकार ने चौबीसों घंटे चलने वाली आपातकालीन हेल्पलाइन सेवा शुरू की है, जिससे पर्यटक या उनके परिजन किसी भी स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त कर सकें।
अनंतनाग जिला प्रशासन द्वारा स्थापित हेल्प डेस्क पर नीचे दिए गए नंबरों के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है:
- 01932-222337
- 7780885759
- 9697982527
- 6006365245
इसके अतिरिक्त, श्रीनगर में भी एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहाँ से सहायता ली जा सकती है:
- 0194-2457543
- 0194-2483651
- 7006058623
सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि घाटी में मौजूद हर पर्यटक सुरक्षित रहे। हेल्पलाइन का संचालन चौबीसों घंटे किया जा रहा है ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।”
सुरक्षा बलों की तैनाती और जांच तेज
हमले के बाद से पूरे कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों ने अभियान और कड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले की जांच में जुट गई है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले में शामिल आतंकियों की पहचान हो चुकी है और उनकी तलाश में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने पहलगाम, अनंतनाग, और श्रीनगर समेत कई क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है। पर्यटक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और सघन तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।
घाटी के पर्यटन पर भारी असर
पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर इस तरह का हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट पहुंचाता है। पहले ही कश्मीर के पर्यटन सेक्टर को कोविड महामारी और बार-बार की सुरक्षा चिंताओं से काफी नुकसान हुआ है। इस घटना के बाद पर्यटकों ने बड़ी संख्या में अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं।
ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि मई-जून के महीनों में पर्यटन चरम पर होता है, लेकिन अब जो हालात हैं, उससे घाटी में एक बार फिर सन्नाटा पसरा हुआ है।
देशभर से संवेदना और निंदा
इस हमले की निंदा करते हुए कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने बयान जारी किए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा, “सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं। जो लोग शांति और पर्यटन को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उन्हें उनकी सजा जरूर मिलेगी।”
विपक्षी दलों ने भी सरकार से अपील की है कि जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
उत्तराखंड में विशेष सतर्कता
उत्तराखंड, जो स्वयं एक प्रमुख पर्यटन राज्य है, इस घटना के बाद अलर्ट पर है। राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी दीपम सेठ ने सभी जिलों को सतर्क रहने और सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
सीएम धामी ने कहा कि “पर्यटकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने अपने स्तर पर सभी एहतियाती कदम उठा लिए हैं और लगातार सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट ली जा रही है।”