
भारत में चैत्र माह प्रतिपदा और हिन्दू नववर्ष के अवसर पर धार्मिक आयोजन और यात्राओं का विशेष महत्व होता है। इस अवसर पर गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का इंतजार लाखों श्रद्धालुओं को रहता है। गंगोत्री धाम के कपाट खोलने की तिथि और समय की घोषणा अब कर दी गई है। गंगोत्री धाम मंदिर समिति की ओर से यह जानकारी दी गई कि आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि पंचांग गणना के अनुसार, गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन सुबह 10:30 बजे विधिविधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम की यात्रा और कपाट खोलने की प्रक्रिया हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर होता है।
समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने इस अवसर पर कहा, “पंचांग गणना के अनुसार, 30 अप्रैल को गंगोत्री धाम के कपाट खुलने का समय और तिथि तय की गई है। श्रद्धालु इस दिन से मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।” गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा के लिए रास्ते खोल दिए जाएंगे, और भक्तगण मां गंगा के दर्शन करने के लिए इस स्थल पर पहुंचेंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है मां गंगा की विग्रह डोली का शीतकालीन प्रवास से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होना। समिति के सचिव ने बताया कि 29 अप्रैल को मां गंगा की विग्रह डोली शीतकालीन प्रवास स्थल, मुखबा गांव से विधिवत पूजा और आरती के बाद गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यह यात्रा बहुत ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
मां गंगा की डोली लगभग 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करते हुए भैरों घाटी तक पहुंचेगी, जहां पर रात्रि विश्राम किया जाएगा। इस यात्रा के दौरान, डोली के साथ अनेक श्रद्धालु भी होते हैं, जो अपनी श्रद्धा के साथ इस यात्रा में भाग लेते हैं।
29 अप्रैल को मां गंगा की विग्रह डोली भैरों घाटी पहुंचेगी, जहां पर रात्रि विश्राम किया जाएगा। इसके बाद, 30 अप्रैल को सुबह डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यह पूरी यात्रा श्रद्धा, विश्वास और भक्ति से भरी हुई होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु और दर्शनार्थी मां गंगा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। गंगोत्री धाम पहुंचने पर भक्तगण मां गंगा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं और इसके साथ ही गंगा की पवित्रता और महत्व को महसूस करते हैं।
गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद, यमुनोत्री धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के अवसर पर ही खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय आगामी 3 अप्रैल को यमुनाजी की जयंती के अवसर पर निश्चित किया जाएगा। यमुनोत्री धाम भी एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु मां यमुनाजी के दर्शन के लिए आते हैं।
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि को लेकर श्रद्धालुओं में एक विशेष उत्साह रहता है, क्योंकि इस दिन से ही यमुनोत्री यात्रा की शुरुआत होती है। गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को ‘चार धाम यात्रा’ के तहत शामिल किया जाता है, जो भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल माने जाते हैं। इन स्थानों पर यात्रा करने से श्रद्धालुओं को धर्मिक संतुष्टि और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।