
1998 में अपनी शुरुआत के बाद से क्रिकेट जगत में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं लेकिन वर्तमान समय में चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन और इसे लेकर आईसीसी के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। यह फैसला क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इस टूर्नामेंट की मेज़बानी से जुड़ी कई जटिलताएँ सामने आई हैं। टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान में होना था, लेकिन भारत-पाकिस्तान संबंधों और अन्य कारणों से विवाद शुरू हो गया। अब, एक नई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें यह दावा किया गया है कि इस मामले पर फैसला बुधवार को लिया जा सकता है।
हाइब्रिड मॉडल पर आईसीसी का फैसला
चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी पाकिस्तान को दी गई थी, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने टूर्नामेंट के भारत में होने पर आपत्ति जताई थी। इसका मुख्य कारण भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और क्रिकेट संबंधों में तनाव रहा है। इसी बीच, क्रिकेट जगत के कई प्रमुख खिलाड़ी और संगठन इस विवाद का हल निकालने के लिए एक नए ‘हाइब्रिड मॉडल’ की ओर बढ़ रहे हैं। इस मॉडल के तहत, टूर्नामेंट के अधिकांश मैच पाकिस्तान में खेले जाएंगे, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच के मैचों को दुबई जैसे तटस्थ स्थान पर आयोजित किया जाएगा।
लेकिन, यह मॉडल अभी तक आईसीसी द्वारा औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने आईसीसी से यह मांग की है कि वह लिखित रूप में आश्वासन दे कि भारत में होने वाले आगामी आईसीसी टूर्नामेंट्स का आयोजन इसी हाइब्रिड मॉडल के तहत होगा। PCB का कहना है कि यदि इसे स्वीकार किया जाता है तो वह चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की मेज़बानी पर सहमति देगा।
इस मामले पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन मोहसिन रजा नकवी ने हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात की और इस मामले पर चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शरीफ ने PCB को आश्वासन दिया है कि इस विवाद में पाकिस्तान को पूरी सरकार का समर्थन मिलेगा।
यूएई की तरफ से उम्मीदें
जहां एक तरफ पाकिस्तान इस विवाद के समाधान के लिए आईसीसी से लिखित आश्वासन की मांग कर रहा है, वहीं यूएई ने इस मामले में अपनी स्थिति मजबूत की है। अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ECB) इस मामले पर नजर बनाए हुए है और सूत्रों की मानें तो दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों के आयोजन के लिए लगभग मुहर लग चुकी है। यह स्थिति तब बनी है जब भारत-पाकिस्तान मैचों के लिए दुबई को संभावित वेन्यू के रूप में चुना गया है। दुबई की सुविधाओं और तटस्थ स्थान के रूप में उसकी पहचान ने इसे इस मामले में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2024 का शेड्यूल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन फरवरी 2024 में प्रस्तावित है। टूर्नामेंट 19 फरवरी से शुरू होकर 9 मार्च 2024 तक चलेगा। इस टूर्नामेंट में कुल 8 टीमें भाग लेंगी, और सभी को दो ग्रुप्स में बांटा जाएगा। प्रत्येक ग्रुप से टॉप-2 टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी। यदि हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार किया जाता है, तो भारत और पाकिस्तान के सेमीफाइनल और फाइनल मैच दुबई में ही खेले जाएंगे।
आईसीसी ने अभी तक टूर्नामेंट के आयोजन स्थल पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है, लेकिन क्रिकेट जगत के अंदर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी मिलने के बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2024 का आयोजन पाकिस्तान और दुबई में हो सकता है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों का असर
इस मामले में सबसे बड़ी चुनौती भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों के बीच का विवाद रहा है। पिछले कुछ सालों से दोनों देशों के बीच क्रिकेटing संबंधों में गंभीर तनाव रहा है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने पाकिस्तान में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन पर अपनी असहमति जताई है, और पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज़ पर भी बातचीत ठप पड़ी हुई है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए यह मामला महत्त्वपूर्ण हो गया है क्योंकि टूर्नामेंट की मेज़बानी उसे मिली थी, लेकिन सुरक्षा और अन्य समस्याओं के कारण इसकी मेज़बानी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि यदि हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी मिलती है तो यह एक बड़ी कूटनीतिक और क्रिकेटिंग सफलता हो सकती है। इससे दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों को पुनर्जीवित करने का एक अवसर मिल सकता है, हालांकि इसके लिए दोनों पक्षों को कुछ समझौते करने होंगे।
क्या बुधवार को होगा फैसला?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और आईसीसी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा लगातार जारी है और अब चैंपियंस ट्रॉफी पर निर्णय बुधवार को आ सकता है। हालांकि इस फैसले के बाद भी कई अनसुलझे मुद्दे हो सकते हैं, जैसे कि क्या भारत और पाकिस्तान के मैच पाकिस्तान में खेले जाएंगे, या फिर उन्हें दुबई में आयोजित किया जाएगा। इन सवालों का जवाब आईसीसी की बैठक में लिया जाएगा, जो बुधवार को हो सकती है।
आईसीसी की इस मीटिंग का क्रिकेट जगत को बेसब्री से इंतजार है क्योंकि इसके बाद ही चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन पर निर्णय स्पष्ट हो सकेगा। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक ऐतिहासिक घटना हो सकती है, क्योंकि यदि हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी मिलती है तो यह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में एक नई दिशा का संकेत होगा।