
हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थों में शुमार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विधिवत रूप से खोल दिए गए। इस शुभ घड़ी के साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आधिकारिक श्रीगणेश हो गया। गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार सुबह 10:30 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भी वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के बीच खोले गए।
मां गंगा के जयकारों से गूंज उठा गंगोत्री धाम
कपाटोद्धाटन के इस शुभ अवसर पर समूचा गंगोत्री धाम “जय मां गंगे” के जयघोष से गूंज उठा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने गंगोत्री पहुंचकर मां गंगा की विग्रह मूर्ति के दर्शन किए और पुण्य लाभ अर्जित किया। खास बात यह रही कि इस वर्ष की पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से कराई गई, जो गंगोत्री धाम की परंपरा में विशेष श्रद्धा का प्रतीक मानी गई।
गंगोत्री मंदिर को 15 कुंटल फूलों से सजाया गया था, जिससे संपूर्ण परिसर अत्यंत दिव्य और भव्य नजर आया। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्वयं गंगोत्री पहुंचे और मां गंगा के दर्शन कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।
यमुनोत्री धाम में भी उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
गंगोत्री के साथ-साथ यमुनोत्री धाम के कपाट भी वैदिक रीति-रिवाजों के साथ खोले गए। यहां भी श्रद्धालु देशभर से पहुंचे और मां यमुना के दर्शन कर आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर अनुभव किया। यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को खड़ी चढ़ाई और पैदल यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन उनकी आस्था इस कठिनाई को भी आसान बना देती है।
छह महीने तक चलेंगी दर्शन की प्रक्रिया
अब अगले छह महीनों तक दोनों धामों में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। शीतकाल में ये मंदिर भारी बर्फबारी के कारण बंद हो जाते हैं, इसलिए यह समय भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही अब केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों के कपाट भी क्रमश: 10 मई और 12 मई को खुलने वाले हैं, जिसके बाद चारधाम यात्रा अपने पूर्ण रूप में संचालित होगी।
यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क
उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार ने चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS), अर्धसैनिक बल, पीएसी और पुलिस की संयुक्त टीमों को तैनात किया गया है।
- 10 स्थानों पर आतंकवाद निरोधक दस्ता तैनात किया गया है।
- 10 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स केंद्र सरकार से प्राप्त की गई है।
- 17 कंपनी पीएसी और लगभग 6000 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।
- 65 स्थानों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।
यात्रा मार्ग की सतत निगरानी के लिए 2000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो सभी मुख्य पड़ावों, प्रवेश और निकास बिंदुओं तथा प्रमुख मंदिर परिसरों पर नजर बनाए रखेंगे। इसके अलावा पूरे यात्रा मार्ग को ड्रोन की सहायता से भी कवर किया जा रहा है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
कंट्रोल रूम से हो रही निगरानी
यात्रा मार्ग पर बनाए गए कंट्रोल रूम में अलग-अलग क्षेत्रों से लगातार लाइव फीड प्राप्त हो रही है। इससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत निर्णय लिया जा सकता है। साथ ही, भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था भी दुरुस्त की गई है।
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आधुनिक इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं। डिजिटल हेल्पलाइन, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, मेडिकल कैंप और मोबाइल क्लीनिक जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही विश्राम गृह, शौचालय, पानी की सुविधा और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों को अपग्रेड किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के दौरान ‘ई-चारधाम’ पोर्टल भी सक्रिय किया गया है, जहां से तीर्थयात्री अपने यात्रा की जानकारी, मौसम, मार्ग की स्थिति और आपातकालीन सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।