
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ विधिवत रूप से खोल दिए गए। इसी के साथ 2025 की चारधाम यात्रा का भी शुभारंभ हो गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोनों धामों में पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा की और यात्रा के सफल संचालन की कामना की।
सीएम धामी बने यमुनोत्री धाम में कपाट उद्घाटन में शामिल होने वाले पहले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यमुनोत्री और गंगोत्री दोनों धामों में उपस्थित रहकर कपाटोद्घाटन समारोह में भाग लिया। वे यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने के अवसर पर उपस्थित रहने वाले राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। इस ऐतिहासिक मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के ऊपर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई, जिसने इस धार्मिक आयोजन को और भी भव्य बना दिया।
मुख्यमंत्री ने दोनों धामों में मां गंगा और मां यमुना के समक्ष शीश नवाया और विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के सफल आयोजन के साथ ही देश और प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की गई है।
डोलियों के साथ पहुंचे देवी-देवता, विधिवत पूजन के साथ खुले कपाट
धार्मिक परंपरा के अनुसार बुधवार की सुबह मां गंगा की उत्सव डोली भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर से चलकर गंगोत्री धाम पहुंची। वहां विशेष पूजा-अभिषेक के बाद पूर्वाह्न 10:30 बजे गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। इसी प्रकार मां यमुना की डोली शनिदेव महाराज की अगुवाई में खरसाली से यमुनोत्री धाम पहुंची, जहां 11:55 बजे कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी की गई।
श्रद्धालुओं का जनसैलाब, आस्था की बाढ़
कपाट खुलते ही दोनों धामों में देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए और पवित्र गंगा तथा यमुना में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। भक्तों ने भगवान की स्तुति करते हुए पूजा-अर्चना की और धार्मिक उत्सव के इस ऐतिहासिक क्षण को आत्मसात किया। मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा — “हर हर गंगे” और “जय मां यमुना” के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय बन गया।
गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर समितियों द्वारा किए गए विशेष सजावट और स्वागत की तैयारियों ने भक्तों को एक दिव्य अनुभव प्रदान किया। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक कलाकृतियों से सजाया गया था।
लोक देवताओं की डोलियों से लिया आशीर्वाद
मुख्यमंत्री धामी ने दोनों धामों में पहुंची लोक देवताओं की डोलियों से भी आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने इसे प्रदेश की “आध्यात्मिक पहचान और आत्मगौरव” से जोड़ते हुए कहा कि चारधाम यात्रा हमारे लिए केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि समर्पण और सेवा की भावना से परिपूर्ण आयोजन है।
चारधाम यात्रा 2025 का हुआ विधिवत आरंभ
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2025 का विधिवत आरंभ हो गया है। इसके बाद आगामी दिनों में केदारनाथ (10 मई) और बद्रीनाथ (12 मई) के कपाट भी खोल दिए जाएंगे, जिससे यात्रा अपने पूर्ण स्वरूप में संचालित होगी। यह यात्रा छह महीने तक चलेगी और शीतकाल में मंदिरों के कपाट पुनः बंद कर दिए जाएंगे।
‘ग्रीन एंड क्लीन चारधाम यात्रा’ की मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं से “ग्रीन एंड क्लीन चारधाम यात्रा” के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि यह पवित्र यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह देवभूमि की प्राकृतिक सुंदरता और स्वच्छता की जिम्मेदारी भी हम सब पर डालती है। उन्होंने सभी यात्रियों से आग्रह किया कि वे प्लास्टिक का उपयोग न करें, पर्यावरण का ध्यान रखें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। सीएम ने कहा, “हमारा प्रयास है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की संस्कृति, स्वच्छता और सेवा भाव का अनुभव हो। अतिथि देवो भवः की भावना के साथ हम हर श्रद्धालु का स्वागत करेंगे।”
सुरक्षा और व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए सरकार और प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन, मेडिकल कैंप, गाइड सेवा, पेयजल, शौचालय और यातायात प्रबंधन जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। साथ ही, सुरक्षा के लिए पुलिस बल, एसडीआरएफ और ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई है।
डिजिटल निगरानी, ऑनलाइन पंजीकरण, ई-चारधाम पोर्टल, और रीयल टाइम मॉनिटरिंग जैसी तकनीकी सेवाओं से यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाया गया है।