चंडीगढ़, 7 नवंबर 2024: पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी सीटों पर जीत हासिल करने के लिए चुनावी अभियान की कमान संभाल ली है। वह लगातार रोड शो और रैलियों के जरिए आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से वोटर्स से संपर्क कर रहे हैं। वहीं, पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल 9 नवंबर से पंजाब में सक्रिय हो जाएंगे और चुनाव प्रचार में भाग लेंगे। केजरीवाल का कार्यक्रम पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वह राज्य की राजनीति में पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में भी अपनी छवि को और मजबूत करने के लिए मैदान में हैं।
पंजाब उपचुनाव: AAP की रणनीति
13 नवंबर को चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव पंजाब की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों को अपनी ताकत साबित करने का अवसर माना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हर हलके में रोड शो और रैलियों के जरिए जनता तक अपनी पार्टी की नीतियों और योजनाओं को पहुंचाना शुरू कर दिया है। पार्टी के अन्य नेताओं और मंत्रियों को भी चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से लगाया गया है, ताकि हर क्षेत्र में पार्टी की उपस्थिति को महसूस किया जा सके।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कई रैलियों और जनसंपर्क अभियानों को संबोधित किया। उनका यह प्रचार अभियान इस बात पर जोर दे रहा है कि पंजाब में केवल आम आदमी पार्टी ही विकास और सुशासन की सच्ची दिशा में काम कर रही है। उन्होंने पार्टी के कार्यों और उपलब्धियों को लोगों के सामने रखा है और उनकी सरकार द्वारा किए गए सुधारों की जानकारी दी है।
केजरीवाल का पंजाब दौरा
9 नवंबर से अरविंद केजरीवाल पंजाब में प्रचार अभियान
सक्रिय हो जाएंगे। उनका चुनावी दौरा पार्टी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि उनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता में आई है और अब पंजाब में भी उनकी ताकत बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
केजरीवाल के चुनावी कार्यक्रम में 9 नवंबर को चब्बेवाल और डेरा बाबा नानक में चुनावी रैलियां शामिल हैं। इसके बाद 10 नवंबर को वह गिद्दड़बाहा और बरनाला में चुनाव प्रचार करेंगे। इन रैलियों के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान भी उनके साथ मौजूद रहेंगे, ताकि दोनों नेताओं का संयुक्त प्रचार अभियान राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक प्रभाव डाल सके।
आम आदमी पार्टी ने पहले ही पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे हर हलके में चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से शामिल हों। इस दौरान, पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान एक मजबूत प्रचार टीम के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं।
पंचायत चुनाव के बाद की गतिविधियाँ
पंजाब में पंचायत चुनावों के बाद राज्य सरकार ने हाल ही में सरपंचों को शपथ दिलाने के लिए एक राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने की योजना बनाई है। इस समारोह में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी हिस्सा लेंगे। यह समारोह 8 नवंबर 2024 को लुधियाना में आयोजित होने की संभावना है।
सरपंचों की शपथ ग्रहण समारोह के बाद, केजरीवाल अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। पार्टी इस समारोह को एक सशक्त मंच के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है, जहां से वह अपनी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार कर सकें। इसके बाद केजरीवाल की मौजूदगी के साथ अन्य चुनावी प्रचार कार्यक्रम शुरू होंगे।
भाजपा और कांग्रेस का चुनावी अभियान
जहां आम आदमी पार्टी अपने सभी नेताओं के साथ चुनाव प्रचार में जुटी है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से अभी तक चुनावी अभियान का नेतृत्व सुनील जाखड़ ने नहीं किया है। हालांकि, पार्टी के केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है और वह गिद्दड़बाहा क्षेत्र में चुनावी सभाएं कर रहे हैं। बिट्टू ने भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए कई स्थानों पर रैलियों और सभाओं का आयोजन किया है।
भाजपा का प्रचार अभियान राज्य की सुरक्षा, विकास और केंद्र सरकार की योजनाओं को मुख्य मुद्दा बना रहा है। भाजपा के प्रचार में राज्य की जनता से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और समस्याओं पर चर्चा हो रही है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी अपनी घोषणाओं और योजनाओं में सिर्फ दिखावा कर रही है, जबकि बीजेपी ने पहले ही कई क्षेत्रों में कार्यरत योजनाओं को सफलता से लागू किया है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से स्थानीय नेता चुनाव प्रचार में सक्रिय हैं। कांग्रेस की रणनीति मुख्य रूप से राज्य की पूर्व सरकार की नीतियों पर केंद्रित है। पार्टी के नेता भाजपा और AAP दोनों को राज्य में किए गए विकास कार्यों के बारे में याद दिला रहे हैं। कांग्रेस ने चुनावी प्रचार में यह भी दावा किया है कि राज्य में कांग्रेस के शासन में लोगों को अधिक राहत और विकास कार्यों का लाभ मिला था, जबकि वर्तमान सरकार ने चुनावी वादों को पूरा करने में असफल रही है।
उपचुनाव की अहमियत
पंजाब में इन चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव 2024 में राज्य की राजनीति की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आम आदमी पार्टी इस चुनाव को अपने लिए एक बड़ा अवसर मानती है, क्योंकि ये चुनाव उसे पंजाब में अपनी राजनीतिक स्थिति और मजबूत करने का मौका देंगे। वहीं, कांग्रेस और भाजपा भी इन सीटों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए प्रयासरत हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य की सियासत में प्रभावी रह सकें।