
देशभक्ति और शौर्य का अनोखा संगम शनिवार को हल्द्वानी की सड़कों पर देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। यह यात्रा भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की ऐतिहासिक विजय को समर्पित थी। यात्रा की शुरुआत मिनी स्टेडियम हल्द्वानी से हुई, जो नैनीताल रोड होते हुए शहीद पार्क पर जाकर समाप्त हुई।
इस सम्मान यात्रा का उद्देश्य न केवल सैन्य बलों की वीरता को सम्मान देना था, बल्कि युवाओं और आम नागरिकों के मन में राष्ट्रभक्ति की भावना को और सशक्त करना भी था। यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें सैनिक, स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि, सरकारी विभागों के कर्मचारी और आम नागरिक शामिल थे। पूरे हल्द्वानी में देशभक्ति का माहौल दिखाई दिया।
मुख्यमंत्री ने किया पैदल नेतृत्व
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस यात्रा में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पैदल तय की। उन्होंने मिनी स्टेडियम से तिरंगा थामते हुए यात्रा की अगुवाई की और शहीद पार्क तक देशभक्तों की भीड़ के बीच पैदल ही पहुंचे। मुख्यमंत्री के इस gesture को आम जनता और युवाओं ने बेहद प्रेरणादायक बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा: “यह यात्रा केवल तिरंगे का सम्मान नहीं, बल्कि हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को नमन करने का एक माध्यम है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने यह साबित किया है कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाला कोई भी तत्व माफ नहीं किया जाएगा।”
जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का गौरव
तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा में उत्तराखंड की राजनीति के कई बड़े नामों ने हिस्सा लिया। इनमें सांसद अजय भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, विधायक मोहन सिंह बिष्ट, विधायक सरिता आर्या, और ज़िला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी नेताओं ने यात्रा के उद्देश्य की सराहना की और आमजन से सैनिकों के सम्मान में एकजुट होने की अपील की।
पूर्व सैनिकों और युवाओं की भागीदारी
यात्रा की खास बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। उनके साथ स्कूली छात्र-छात्राएं, NCC कैडेट्स और एनएसएस वॉलंटियर्स ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। हाथों में तिरंगा, सिर पर देशभक्ति के नारों से सजे पट्टे और चेहरे पर गर्व की मुस्कान – यह नज़ारा हल्द्वानी की सड़कों पर हर तरफ देखा गया।
ऑपरेशन सिंदूर: सेना की एक और विजयगाथा
तिरंगा यात्रा को भारतीय सेना के हालिया ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को समर्पित किया गया। यह ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा सीमा पार घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से चलाया गया था। इस ऑपरेशन में आतंकियों के कई ठिकानों को ध्वस्त किया गया और सुरक्षा बलों ने अदम्य साहस का परिचय दिया।
हालांकि इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी गोपनीय रखी गई है, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इसे “रणनीतिक सफलता” करार दिया है। उत्तराखंड जैसे सैनिक बहुल राज्य के लिए यह ऑपरेशन गर्व की बात है, और इसी भावना को बल देने के लिए यह तिरंगा यात्रा आयोजित की गई।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समा
यात्रा के समापन पर शहीद पार्क में एक लघु कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों द्वारा देशभक्ति गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया। “वंदे मातरम्”, “जन गण मन” जैसे गीतों पर उपस्थित लोगों ने भी तालियों की गूंज से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में वीर जवानों की वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड “वीरों की भूमि” है, और यहां के युवाओं में देशसेवा की भावना स्वाभाविक रूप से समाहित है।