भारत में सड़क यात्रा के दौरान टोल टैक्स चुकाना एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है। हाईवे, फ्लाईओवर और अन्य प्रमुख सड़कों पर वाहन चालकों से टोल वसूला जाता है, ताकि इन सड़कों की मरम्मत और रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि कुछ ऐसे रास्ते भी हैं जहां वाहन चालकों को टोल टैक्स से राहत मिलती है। इनमें से एक प्रमुख उदाहरण है दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (डीएनडी), जिसे डीएनडी फ्लाईओवर के नाम से भी जाना जाता है।
2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे पर वाहन चालकों से टोल टैक्स वसूलने पर रोक लगा दी थी। यह आदेश इस आधार पर दिया गया था कि इस फ्लाईवे पर टोल टैक्स की वसूली के लिए कोई कानूनी आधार नहीं था। इसके बाद, टोल टैक्स कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि डीएनडी फ्लाईओवर पर अब कोई टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। यह फैसला लाखों वाहन चालकों के लिए राहत की खबर साबित हुआ है, जो प्रतिदिन इस फ्लाईओवर का उपयोग करते हैं। डीएनडी फ्लाईओवर दिल्ली और नोएडा के बीच एक प्रमुख कनेक्टिविटी मार्ग है, जहां लोगों को समय की बचत होती है और यात्रा सुगम होती है।
भारत में टोल टैक्स से मुक्त सड़कें
सड़क पर यात्रा करते समय टोल प्लाजा पर भुगतान करना अक्सर यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनता है, लेकिन कुछ सड़कें ऐसी भी हैं, जिन पर यात्रा करने के लिए टोल टैक्स नहीं चुकाना पड़ता। इन सड़कों में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में बनने वाली सड़कें शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) और राज्य सरकारों द्वारा चलाए गए ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के तहत बनाया गया है।
1. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी सड़कें
भारत सरकार की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को मजबूत करना है, ताकि वहां के लोग बेहतर परिवहन सुविधा का लाभ उठा सकें। इस योजना के तहत बनाई गई अधिकांश सड़कों पर टोल टैक्स नहीं लिया जाता। इन सड़कों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना और दूर-दराज के इलाकों को मुख्य शहरों से जोड़ना है।
2. राज्य ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के तहत बनी सड़कें
इसके अलावा, कई राज्य सरकारों ने भी अपनी ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के तहत टोल-फ्री सड़कें बनाई हैं। इन सड़कों का निर्माण खासतौर पर उन क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जहां यातायात की सख्त जरूरत थी लेकिन टोल टैक्स की वसूली से ग्रामीण जनता पर अतिरिक्त भार पड़ सकता था।
3. वह सड़कें जिनका निर्माण खर्च पहले ही वसूल लिया गया है
भारत में कई सड़कों का निर्माण टोल संग्रह के आधार पर किया गया था। लेकिन यदि उस सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है और अब तक उस पर कोई नया टोल कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, तो ऐसी सड़कें भी टोल-फ्री हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ पुराने हाईवे और फ्लाईओवर, जिनका निर्माण पहले हुआ था और अब उनका रखरखाव राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है, उन पर वाहन चालकों से टोल नहीं लिया जाता। हालांकि, इस निर्णय का अधिकार सरकार के पास होता है और इसे समय-समय पर बदलने का विकल्प भी मौजूद होता है।
भारत में कुछ प्रमुख सड़कों पर कम या कोई टोल टैक्स नहीं
जहां कुछ सड़कें पूरी तरह से टोल-फ्री हैं वहीं कुछ सड़कों पर कम टोल टैक्स लिया जाता है। ऐसे मार्ग पर यात्रा करने से वाहन चालकों को समय और पैसे की बचत होती है। उदाहरण के तौर पर
1. जयपुर-दिल्ली पुराना हाईवे
जयपुर से दिल्ली जाने के लिए अधिकांश लोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उपयोग करते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे पर 635 रुपये का टोल टैक्स चुकाना पड़ता है। हालांकि, कई यात्री जयपुर-दिल्ली पुराना हाईवे भी पसंद करते हैं, क्योंकि इस पर केवल 335 रुपये का टोल टैक्स लगता है। यानी, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तुलना में जयपुर-दिल्ली पुराना हाईवे पर यात्रा करने से आपको 300 रुपये तक की टोल टैक्स की बचत हो सकती है। इसके अलावा, पुराने हाईवे पर यात्रा करते समय आपको समय की बचत भी होती है।
2. दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे
दिल्ली से गुरुग्राम तक जाने वाले लोगों के लिए दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे एक प्रमुख मार्ग है। यहां पर टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में वाहन चालकों को डिस्काउंट भी मिल सकता है। अगर आप नियमित रूप से इस मार्ग का उपयोग करते हैं, तो आपको इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम के माध्यम से भुगतान करने पर छूट मिल सकती है।
3. बंगलोर-चेन्नई हाईवे
बंगलोर से चेन्नई जाने के लिए वाहन चालक अक्सर बंगलोर-चेन्नई हाईवे का उपयोग करते हैं। यहां पर भी टोल टैक्स लिया जाता है, लेकिन कुछ जगहों पर छूट दी जाती है, जैसे कि कुछ विशेष समय में या सीमित दूरी के लिए। इसके अलावा, कुछ मार्गों पर सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों के तहत टोल टैक्स में कमी की घोषणा की जा सकती है।
4. मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे
मुंबई से पुणे के बीच स्थित एक्सप्रेसवे पर भी टोल टैक्स वसूला जाता है, लेकिन इस मार्ग पर यात्रा करने से समय की बचत होती है और यह एक प्रमुख कनेक्टिविटी रूट है। यहां पर टोल टैक्स के अलावा, यात्री सुविधाओं की भी अच्छी व्यवस्था है।