
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में एक बार फिर मौसम का मिज़ाज बिगड़ने वाला है। मौसम विभाग ने नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे संवेदनशील जिलों में तेज बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार आज यानी गुरुवार (बृहस्पतिवार) को इन जिलों में तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है, जबकि अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
इस बीच, प्रदेश में पहले से ही मौसम की मार झेल रही 520 सड़कें बंद हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के मुताबिक इन सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, जिला मार्ग और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।
राज्यभर में 520 सड़कें बंद, कई मार्गों पर बना है भूस्खलन का खतरा
लोक निर्माण विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बारिश और भूस्खलन की वजह से उत्तराखंड के 13 जिलों में कुल 520 सड़कें फिलहाल आवाजाही के लिए बंद हैं। इनमें शामिल हैं जनजीवन पर व्यापक असर, स्कूली बच्चों और मरीजों को परेशानी
सड़कों के अवरुद्ध होने का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। स्कूली बच्चों को स्कूल पहुंचने में कठिनाई हो रही है, वहीं ग्रामीण इलाकों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं भी बाधित हो गई हैं। पिथौरागढ़ के एक ग्रामीण क्षेत्र मुनस्यारी से एक बुजुर्ग मरीज को जिला अस्पताल लाने के लिए चार किलोमीटर तक पालकी का सहारा लेना पड़ा, क्योंकि सड़क मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका था।
सरकार की तैयारियां और राहत कार्य
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए राहत व बचाव कार्यों को तेज़ कर दिया है। लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन द्वारा भारी मशीनरी भेजी गई है, ताकि सड़कों की साफ-सफाई और मरम्मत का कार्य तेज़ी से हो सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि “सभी प्रभावित मार्गों को जल्द से जल्द खोला जाए और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए।”
NDRF और SDRF की टीमें अलर्ट पर
राज्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी अलर्ट मोड पर हैं। संवेदनशील जिलों में स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ संयुक्त गश्त की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दी जा सके। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे जिलों में पहाड़ी दरकने और अचानक नदी-नालों के उफान पर आने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे राहत कार्यों में भी जोखिम बना हुआ है।
पर्यटकों को जारी की गई एडवाइजरी
मौसम विभाग और प्रशासन ने राज्य में आने वाले पर्यटकों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है। खासकर चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा की योजना मौसम पूर्वानुमान देखकर बनाने को कहा गया है। “यदि मौसम अधिक खराब रहता है तो यात्रियों को कुछ दिनों के लिए अपनी योजना टालनी चाहिए। राज्य में फिलहाल कई रास्ते बंद हैं और जोखिम बना हुआ है।”