
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की बेहतर ट्रैकिंग और उनकी निगरानी सुनिश्चित करना है। विधेयक का प्रमुख उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए एक मजबूत तंत्र तैयार करना है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों से इस विधेयक का समर्थन करने की अपील की।
विधेयक के महत्वपूर्ण प्रावधान
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसके लागू होने के बाद उन मामलों में कोई दखल नहीं दिया जाएगा, जिनमें पहले से कोई विवाद नहीं है। उनका कहना था कि पुराने मामलों पर यह कानून लागू नहीं होगा, और सिर्फ उन विवादों में ही दखल दिया जा सकता है, जो न्यायाधिकरण में लंबित हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मामलों में कोई विवाद नहीं है, उन पर विधेयक का असर नहीं होगा, क्योंकि वे राज्य सरकार के दायरे में आते हैं और केंद्र सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
“यह कानून केवल उन मामलों में लागू होगा, जिनमें कोई विवाद नहीं है। इन मामलों में किसी भी तरह की छेड़छाड़ या दखलअंदाजी नहीं की जाएगी,” रिजिजू ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि विवादित मामलों में न्यायाधिकरण के निर्णय के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वक्फ संपत्तियों की ट्रैकिंग और पारदर्शिता
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति भारत में है और देश में सबसे अधिक भूमि वक्फ बोर्ड के पास है। वक्फ संपत्तियों के संबंध में विधेयक में कई अहम बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। इन बदलावों से वक्फ संपत्तियों की ट्रैकिंग आसान होगी, जिससे इसकी सही स्थिति का पता चलेगा और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा।
“विधेयक के बाद वक्फ संपत्तियों की पूरी ट्रैकिंग होगी, जिससे उनकी स्थिति पर निगरानी रखी जा सकेगी। यह गरीब मुसलमानों के लिए लाभकारी होगा,” उन्होंने कहा। उनके मुताबिक, वक्फ संपत्तियों के बारे में सही जानकारी प्राप्त होने से प्रशासनिक दुरुपयोग कम होगा और ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी।
विवादों में हस्तक्षेप और न्यायाधिकरण का निर्माण
विधेयक के तहत विवादों को सुलझाने के लिए एक ट्रिब्यूनल का निर्माण किया जाएगा, जिसका निश्चित कार्यकाल होगा। अगर कोई व्यक्ति ट्रिब्यूनल से न्याय नहीं पाता है, तो वह सिविल अदालत में अपील कर सकता है, जो पहले संभव नहीं था। रिजिजू ने इसे एक महत्वपूर्ण सुधार बताया और कहा कि यह बदलाव न्याय की प्रक्रिया को और सरल और पारदर्शी बनाएगा।
“अब तक ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद कोई अपील नहीं थी, लेकिन इस विधेयक के बाद यदि किसी को न्याय नहीं मिलता है तो वह सिविल कोर्ट में अपील कर सकता है। यह एक अहम सुधार है,” रिजिजू ने कहा।
महिला और अनाथ बच्चों का संरक्षण
विधेयक के एक अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान के तहत, महिला और अनाथ बच्चों की संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा। रिजिजू ने कहा कि विधवाओं और अनाथ बच्चों के अधिकारों का संरक्षण होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनके पास जो संपत्ति है, वह वक्फ संपत्ति घोषित न हो सके।
“विधवा और अनाथ बच्चों के लिए संरक्षण होना चाहिए। इसलिए, जिस संपत्ति में महिला का अधिकार है, उसे वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा,” उन्होंने कहा। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि महिलाओं और बच्चों को उनके संपत्ति अधिकारों से वंचित न किया जाए।
मुस्लिमों के अधिकारों को लेकर चिंता
विधेयक के खिलाफ कुछ विरोधी दलों द्वारा यह आरोप लगाए जा रहे थे कि इससे मुस्लिम समुदाय को नुकसान होगा। रिजिजू ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप पूरी तरह से गलत हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्तियों की सही ट्रैकिंग करना और उनका सही उपयोग सुनिश्चित करना है, न कि मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को नुकसान पहुंचाना।
“जो आरोप लगाए जा रहे हैं कि हम मुस्लिमों का हक छीन रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं। हम जो कदम उठा रहे हैं, उनका उद्देश्य मुसलमानों का भला करना है, न कि उनका नुकसान करना,” रिजिजू ने कहा।