श्रीराम प्रेक्षागृह में चल रही फिल्मी रामलीला ने देश-विदेश में रामभक्तों का दिल जीत लिया है। इस अदाकारी का लाइव प्रसारण दूरदर्शन और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर किया जा रहा है, जिससे इसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। महज तीन दिनों में, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 41 करोड़ दर्शकों ने इस रामलीला का आनंद लिया है, जिससे एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है।
फिल्मी रामलीला समिति के अध्यक्ष सुभाष मलिक ने बताया कि यह विशेष रामलीला कार्यक्रम 2020 में अयोध्या में शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक, ऑनलाइन दर्शकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। पिछले वर्ष, 40 करोड़ दर्शकों ने इसे ऑनलाइन देखा था, और इस वर्ष तीन दिनों में ही उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया गया है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार यह आंकड़ा 50 करोड़ के पार पहुंच सकता है।
विभिन्न भाषाओं में प्रसारण
रामलीला का प्रसारण दुनिया के 40 देशों में 26 भाषाओं में हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, दूरदर्शन पर 22 करोड़, यूट्यूब पर 17 करोड़, और अन्य प्लेटफार्मों पर 2 करोड़ दर्शकों ने इसे देखा है। सुभाष मलिक ने बताया कि रामलीला की शुरुआत में ही दर्शकों की संख्या तेजी से बढ़ती है, और वे अंत तक जुड़े रहते हैं।
प्रसारण का समय और पहुंच
रामलीला का नित्य लाइव प्रसारण शाम सात बजे से रात दस बजे तक किया जा रहा है। लगभग 5000 यूट्यूब चैनल और 70 सेटेलाइट चैनलों पर इसे दिखाया जा रहा है, जिससे इसे व्यापक पहुंच मिल रही है।
फिल्मी कलाकारों की अदाकारी
इस रामलीला में कई प्रमुख फिल्मी कलाकार अपने किरदार निभा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
- अभिनेता: बिंदु दारा सिंह, मनीष पाल, अवतार गिल, रजा मुराद, राकेश बेदी, वेद सागर, अनिमेष मिढ़ा, विनय सिंह आदि।
- अभिनेत्रियाँ: भाग्य श्री, शीबा, ऋतु शिवपुरी, अमिता नागिया, मैडोना, पायल गोगा कपूर।
इस वर्ष सांसद मनोज तिवारी और रवि किशन भी रामलीला का मंचन करेंगे। पद्मश्री मालिनी अवस्थी इस बार शबरी की भूमिका में विशेष आकर्षण बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
दर्शकों की संख्या: एक तुलनात्मक विश्लेषण
रामलीला के दर्शकों की संख्या में हर वर्ष वृद्धि हो रही है। यहां पिछले वर्षों के आंकड़े प्रस्तुत हैं:
- 2020: 16 करोड़
- 2021: 22 करोड़
- 2022: 25 करोड़
- 2023: 40 करोड़
- 2024: 41 करोड़ (तीन दिनों में)
इस वृद्धि से स्पष्ट है कि फिल्मी रामलीला का आकर्षण और लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है।
वैश्विक दृष्टि
रामलीला का यह कार्यक्रम सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, त्रिनिडाड, श्रीलंका, मलेशिया, फिजी, रूस, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी प्रसारित हो रहा है। विभिन्न भाषाओं में रामकथा का मंचन होने से, वैश्विक स्तर पर भी रामभक्तों को इसका लाभ मिल रहा है।
संस्कृति और परंपरा का संरक्षण
इस फिल्मी रामलीला का आयोजन न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। रामायण की गाथा और उसके पात्रों के माध्यम से, युवा पीढ़ी को अपने धर्म और संस्कृति की महत्ता का अहसास होता है।