उत्तर प्रदेश: रविवार की सुबह संभल जिले में जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ लिया जब मस्जिद पर हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया और उस पर सर्वेक्षण कराया गया। इस दौरान स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जमकर विरोध किया और स्थिति इस हद तक बिगड़ गई कि पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा। घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
सर्वे का उद्देश्य और विवाद का प्रारंभ
19 नवंबर को शुरू हुए इस विवाद ने संभल की जामा मस्जिद को लेकर नया मोड़ लिया, जब कुछ लोगों ने मस्जिद के स्थान पर पहले एक हिंदू मंदिर के होने का दावा किया। इसके बाद अदालत के आदेश पर 22 नवंबर को मस्जिद का सर्वेक्षण शुरू किया गया। यह विवाद इतने दिनों से अदालत में चल रहा था लेकिन रविवार को जब सर्वेक्षण के लिए एक टीम मस्जिद पहुंची तो वहां माहौल बेहद गर्म हो गया।
भड़क उठी भीड़, पुलिस को करनी पड़ी कड़ी कार्रवाई
रविवार की सुबह करीब छह बजे, जिलाधिकारी (डीएम) डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई और अन्य अधिकारियों के साथ एक सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची। कोर्ट कमिशनर रमेश राधव की अगुवाई में यह टीम मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण करने लगी। जैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोग इस सर्वे के बारे में अवगत हुए, वे बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए।
भीड़ ने इस सर्वे को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए इसका विरोध किया। वे सुबह-सुबह छुट्टी के दिन सर्वे किए जाने से भी नाराज थे। पुलिस की ओर से बार-बार समझाने के बावजूद भीड़ के आक्रोश में कोई कमी नहीं आई और जल्द ही माहौल हिंसक हो गया। लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पथराव और पुलिस की प्रतिक्रिया
पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती गई, पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। आंसू गैस और लाठीचार्ज के बाद भी स्थिति पर काबू पाना मुश्किल हो गया। इस बीच, प्रशासन ने मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी और पूरे इलाके को सील कर दिया। इलाके की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
मस्जिद के आसपास तनावपूर्ण माहौल, सुरक्षा कड़ी
घटना के बाद से मस्जिद के आसपास तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही, इलाके में शांति बनाए रखने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आस-पास के थानों से भी अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
प्रशासन ने इस मामले में शांति बनाए रखने की अपील की है और लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें। उन्होंने यह भी कहा है कि मामले में न्यायिक प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की जाएगी और किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सर्वे की प्रक्रिया और रिपोर्ट
मस्जिद के भीतर सर्वे सुबह 7:30 बजे से लगभग दो घंटे तक चला। कोर्ट कमिशनर रमेश राधव की अगुवाई में सर्वे टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने मस्जिद के भीतर के संरचनाओं, दीवारों, और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों का जायजा लिया। सर्वे की प्रक्रिया के बाद टीम वहां से निकल गई और अब यह मामला अगले सुनवाई के लिए तैयार है।
29 नवंबर को अदालत में इस सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसमें मस्जिद की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस रिपोर्ट का क्या असर होगा, यह तो अदालत में सुनवाई के बाद ही साफ होगा, लेकिन फिलहाल संभल के लोग इस मामले को लेकर बेहद चिंतित हैं।