38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी इस बार उत्तराखंड को दी गई है और इस आयोजन को लेकर प्रदेश में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। ओलंपियन खिलाड़ी भी इस महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए पूरी तैयारी में जुटे हैं। रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मनीष रावत, पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाली अंकिता ध्यानी, सूरज पंवार और परमजीत सिंह जैसे खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों के इस आयोजन के लिए बेहद उत्साहित हैं। इन खिलाड़ियों की सक्रिय भागीदारी न केवल खेलों के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है, बल्कि इस आयोजन के प्रति उनका जुनून भी दिखाती है।
1. मनीष रावत का कोच के रूप में सक्रिय योगदान
रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके मनीष रावत इस बार राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ी के तौर पर नहीं, बल्कि कोच के तौर पर सक्रिय भूमिका निभाएंगे। मनीष रावत, जो वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस के इंस्पेक्टर हैं, ने हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर “मौली” और मशाल के लॉन्चिंग कार्यक्रम में भाग लिया था। इस मौके पर वह पहली बार सार्वजनिक तौर पर राष्ट्रीय खेलों की मशाल को अपने हाथों में लेकर सामने आए।
रावत का कहना है, “उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। खेल के लिहाज से यह मील का पत्थर साबित होगा, और प्रदेश में खेल के बुनियादी ढांचे को और भी मजबूत किया जाएगा। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे राष्ट्रीय खेलों की मशाल को थामने का मौका मिला।”
वह अपनी कोचिंग में भी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं, ताकि उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। रावत के मुताबिक, यह आयोजन न सिर्फ राज्य के लिए, बल्कि देश के लिए भी खेल विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।
2. अंकिता ध्यानी का उत्साह और राष्ट्रीय खेलों के प्रति समर्पण
पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अंकिता ध्यानी भी इस बार राष्ट्रीय खेलों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। अंकिता ध्यानी ने बंगलूरू में नेशनल कैंप में अपनी ट्रेनिंग जारी रखी हुई है, लेकिन राष्ट्रीय खेलों को लेकर उनका उत्साह कम नहीं हुआ है। अंकिता का कहना है, “मैं राष्ट्रीय खेलों को लेकर बेहद उत्साहित हूं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह आयोजन मेरे अपने राज्य उत्तराखंड में हो रहा है। अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और मेरे लिए यह गर्व की बात है।”
अंकिता ने आगे कहा, “उत्तराखंड के लिए यह एक बहुत बड़ा अवसर है। इस आयोजन से न केवल हमारे राज्य को खेल के क्षेत्र में पहचान मिलेगी, बल्कि यहां के खिलाड़ियों को एक प्लेटफार्म भी मिलेगा, जिससे वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। यह आयोजन राज्य के लिए हर लिहाज से बड़ा अवसर है।”
3. सूरज पंवार और परमजीत सिंह का भी योगदान
पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले सूरज पंवार और परमजीत सिंह जैसे खिलाड़ी भी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं। यह दोनों खिलाड़ी इस आयोजन में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे। सूरज पंवार और परमजीत सिंह अपने-अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयार हैं और उन्होंने राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
सूरज पंवार का कहना है, “राष्ट्रीय खेलों का आयोजन मेरे लिए खास है, क्योंकि यह मेरे अपने राज्य में हो रहा है। मैं अपनी पूरी मेहनत और लगन से इस आयोजन में हिस्सा लूंगा।” परमजीत सिंह भी इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उनका मानना है कि राष्ट्रीय खेलों में भाग लेना न केवल उनके लिए, बल्कि उनके राज्य और देश के लिए गर्व की बात होगी।
4. राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के लिए अहम अवसर
उत्तराखंड के लिए 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन एक ऐतिहासिक कदम है। इस महाकुंभ के आयोजन से न सिर्फ राज्य की खेल प्रतिभाओं को एक बड़ा मंच मिलेगा, बल्कि प्रदेश में खेल के बुनियादी ढांचे को भी एक नई दिशा मिलेगी। उत्तराखंड में खेलों के लिए पहले से ही एक अच्छा माहौल है, और राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से यह और भी मजबूत होगा।
राष्ट्रीय खेलों से पहले, 15 दिसंबर को राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर “मौली” और मशाल के लांचिंग कार्यक्रम में भी मनीष रावत ने भाग लिया, जिससे यह आयोजन और भी खास बन गया। मनीष रावत का मानना है कि यह आयोजन उत्तराखंड के लिए एक नई शुरुआत करेगा, जिससे प्रदेश में खेलों के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ेगी।
5. खेलों के विकास में महत्वपूर्ण कदम
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के माध्यम से राज्य सरकार और खेल प्राधिकरण को खेलों के ढांचे को और भी बेहतर बनाने का अवसर मिलेगा। इसके अंतर्गत, खेल संरचनाओं का विकास, खेल सुविधाओं का विस्तार, और खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे उत्तराखंड में खेलों को एक नया मुकाम मिलेगा।
मनीष रावत ने कहा, “यह आयोजन उत्तराखंड में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन अवसर है। हमें इस मौके का पूरा लाभ उठाना होगा ताकि हमारे खिलाड़ी आगे बढ़ सकें और खेल के क्षेत्र में राज्य को गौरव प्राप्त हो।”