
चारधाम यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव और हिन्दू आस्था का प्रमुख केंद्र, बदरीनाथ धाम, आज प्रातः 6:00 बजे शुभ रवि पुष्य योग में श्रद्धालुओं के लिए विधिपूर्वक खोल दिया गया। कपाट खुलते ही पूरा क्षेत्र “जय बदरी विशाल” के उद्घोषों से गूंज उठा। धाम की पवित्र वादियों में श्रद्धा की लहर उमड़ पड़ी और आकाश से पुष्पवर्षा ने इस पावन क्षण को और भी दिव्य बना दिया।
बदरीनाथ के कपाट हर वर्ष छह महीने के लिए बंद रहते हैं, और अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर इन्हें खोला जाता है। इस वर्ष कपाट खुलने का आयोजन अत्यंत भव्य और सुसंगठित रहा। जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, वहां उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़कर भगवान विष्णु के बदरी विशाल स्वरूप के दर्शन किए और आस्था में डूब गए।
अखंड ज्योति के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
धाम के कपाट खुलने के साथ ही छह महीने से प्रज्वलित अखंड ज्योति के भी दर्शन श्रद्धालुओं को प्राप्त हुए। यह ज्योति प्रतीक है उस सतत आस्था और विश्वास का, जो हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित इस तीर्थस्थल से जुड़ी हुई है। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी आए श्रद्धालुओं ने इस दिव्य क्षण का साक्षी बनने के लिए बदरीनाथ धाम की ओर रुख किया।
धार्मिक अधिकारियों के अनुसार, आज पहले दिन ही 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने धाम में उपस्थिति दर्ज की। मंदिर परिसर और उसके चारों ओर का वातावरण भक्तिमय भजन, शंखध्वनि और पूजा-अर्चना से गूंजता रहा।
पुष्पवर्षा से स्वागत, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
धाम के कपाट खुलने के अवसर को और भी भव्य बनाने के लिए श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। यह आयोजन उत्तराखंड सरकार और तीर्थ विकास समिति की ओर से किया गया, जिसने श्रद्धालुओं के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी।
चमोली जिला प्रशासन ने इस अवसर पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी। पूरे धाम क्षेत्र में सफाई, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। हेलीकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी भी की गई ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किए दर्शन
इस महत्वपूर्ण अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी धाम पहुंचे। उन्होंने बदरी विशाल के दर्शन किए और विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के लिए समृद्धि और कल्याण की कामना की।
सीएम धामी ने इस दौरान तीर्थयात्रियों से संवाद किया और कहा, “बदरीनाथ धाम हमारी आस्था का केंद्र है। यहां की यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आत्मिक अनुभव है। हमारी सरकार इसे एक साफ-सुथरा और सुरक्षित तीर्थस्थल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।”
पॉलीथिन मुक्त यात्रा का निर्णय
इस वर्ष बदरीनाथ धाम की यात्रा को और भी पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए चमोली जिला प्रशासन ने इसे पॉलीथिन मुक्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने इस दिशा में कड़ा रुख अपनाते हुए धाम क्षेत्र सहित सभी पड़ाव स्थलों पर स्थित होटलों, ढाबों, और दुकानदारों से पॉलीथिन का प्रयोग बंद करने की अपील की है।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने परिसर को साफ-सुथरा रखें और यात्रियों को जिम्मेदार आचरण के लिए प्रेरित करें। पॉलीथिन के स्थान पर कपड़े या कागज के थैलों को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।