
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में राज्य हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कुल 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने और धर्मांतरण कानून को सख्त करने जैसे अहम फैसले शामिल हैं।
अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में 10% क्षैतिज आरक्षण
राज्य सरकार ने भारतीय सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए समूह ‘ग’ के वर्दीधारी पदों पर 10% क्षैतिज आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला किया है। यह आरक्षण उत्तराखंड के स्थायी या मूल निवासियों के लिए ही मान्य होगा।
यह आरक्षण उन अग्निवीरों को दिया जाएगा जो निर्धारित सेवा अवधि पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होंगे। सरकार ने जानकारी दी कि अगले वर्ष लगभग 850 पदों पर इन पात्र अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।
चिह्नित पदों की सूची:
- नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उप निरीक्षक)
- अग्निशमन विभाग
- कारागार पुलिस सेवा (बंदी रक्षक)
- वन विभाग (वन रक्षक)
- राजस्व पुलिस (पटवारी)
- आबकारी पुलिस बल
- परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
इस निर्णय को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, “यह निर्णय देश की सेवा कर चुके जवानों के सम्मान और पुनर्वास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।“
धर्मांतरण कानून में हुआ बड़ा बदलाव, सजा बढ़ाई गई
राज्य में बढ़ते अवैध धर्मांतरण मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने धर्मांतरण कानून में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधन के तहत:
- सजा की अधिकतम सीमा को 10 वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष कर दिया गया है।
- विशेष परिस्थितियों में सजा 20 वर्ष तक दी जा सकती है।
- जुर्माना राशि को भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
यह संशोधन राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को और अधिक सख्त बनाता है और जबरन या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की राह प्रशस्त करता है।
कैबिनेट बैठक के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
इस कैबिनेट बैठक में कई अन्य विभागीय सुधार, पुनर्गठन और नीतिगत फैसले लिए गए। यहां कुछ मुख्य बिंदु प्रस्तुत हैं:
1. विकास परियोजनाओं और संस्थागत सुधार
- उत्तराखण्ड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम (UPDCC) के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई है।
- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय एवं यूआईआईडीबी से जुड़ी परियोजनाओं के लिए दो नई कार्यक्रम इकाइयों का गठन होगा।
2. लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का मुआवजा
- इस परियोजना से प्रभावित लोगों को नैनबाग के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। यह निर्णय प्रभावित परिवारों को उचित क्षतिपूर्ति देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
3. उद्योग और भूमि आवंटन से जुड़े फैसले
- राजकीय औद्योगिक आस्थानों में शेड/भूखंडों के आवंटन, निरस्तीकरण, किराया आदि के मामलों में प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए संशोधन को मंजूरी मिली।
कानूनी और वित्तीय संशोधन
4. विभिन्न विभागीय नियमावलियों में संशोधन
- उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी मिली।
- उत्तराखंड वित्त सेवा (संशोधन) नियमावली 2025
- उत्तराखंड पशुपालन विभाग सांख्यिकीय सेवा नियमावली 2025
- ग्राम्य विकास सेवा नियमावली 2011 में भी संशोधन को स्वीकृति दी गई।
5. पंचायतीराज व्यवस्था में सुधार
- उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक 2025 को विधानसभा में पुनः प्रस्तुत किया जाएगा।
रिपोर्ट और बजट प्रस्तुति से जुड़े फैसले
- उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी गई।
- उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड, विद्युत नियामक आयोग, एवं उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड की विभिन्न वित्तीय रिपोर्टों को भी विधानमंडल में रखने की अनुमति मिली।
अन्य प्रशासनिक निर्णय
6. पिछड़ा वर्ग सर्वेक्षण आयोग का गठन
- आगामी निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने के लिए एकल सदस्यीय आयोग का गठन होगा।
- इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी.एस. वर्मा करेंगे।
7. मंदिर प्रशासन व्यवस्था में बदलाव
- बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर समिति में उपाध्यक्ष का एक अतिरिक्त पद सृजित किया गया।
विज्ञान, नवाचार और सूचना प्रौद्योगिकी नीति को हरी झंडी
राज्य सरकार ने विज्ञान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (STI) नीति – 2025 को मंजूरी दे दी है। यह नीति राज्य में अनुसंधान, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्टार्टअप संस्कृति को सुदृढ़ करेगी।