
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कैबिनेट निर्णयों की जानकारी दी। बैठक में सहकारिता, पशुपालन, डेयरी, और पर्यटन विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए, जो राज्य की प्रशासनिक दक्षता और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
सहकारिता विभाग में पारदर्शिता को लेकर बड़ा कदम
कैबिनेट बैठक का एक प्रमुख निर्णय सहकारिता विभाग में ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक ऑडिट प्रणाली को लागू करने से संबंधित था। इसके तहत सहकारी समितियों के कामकाज की नियमित जांच और लेखा परीक्षण किया जाएगा।
इस कार्य के लिए एक नया पद “उप निबंधक (ऑडिट)” लेवल-11 सृजित किया गया है, जो पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा।
इस फैसले का उद्देश्य सहकारिता समितियों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी, जिम्मेदार और वित्तीय रूप से उत्तरदायी बनाना है। इससे लाभार्थियों तक योजनाओं की वास्तविक पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी और अनियमितताओं पर लगाम लगेगी।
बदरीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण को कैबिनेट की हरी झंडी
बदरीनाथ मास्टर प्लान के अंतर्गत आने वाले सौंदर्यीकरण कार्यों को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके तहत दीवारों पर कलात्मक चित्रण (आर्टवर्क) किए जाएंगे, जिनमें देहरादून के आईएसबीटी (ISBT) की दीवारें भी शामिल होंगी।
यह पहल धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने के साथ-साथ, स्थानीय संस्कृति, लोककला और परंपराओं को उभारने का कार्य करेगी। आर्टवर्क के ज़रिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को धार्मिक और सांस्कृतिक संदेशों से जोड़ा जाएगा।
इस योजना से न केवल तीर्थस्थलों की आकर्षक प्रस्तुति होगी, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
‘गंगा गाय योजना’ में बड़ा विस्तार, आम वर्ग को भी मिलेगा लाभ
पशुपालन और डेयरी विकास विभाग से जुड़े एक बड़े फैसले के तहत, अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को दी जाने वाली 90% सब्सिडी वाली गाय वितरण योजना को अब डेयरी विभाग की ‘गंगा गाय योजना’ के साथ मर्ज कर दिया गया है।
इस निर्णय के बाद यह योजना अब सामान्य वर्ग के लोगों के लिए भी उपलब्ध होगी। हालांकि, सामान्य वर्ग को कितनी प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी, इस पर अगली कैबिनेट बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
यह निर्णय पशुधन उत्पादन और डेयरी सेक्टर को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे राज्य में स्वावलंबन, ग्रामोद्योग, और स्वस्थ आहार की दिशा में प्रगति होगी।
पशुधन प्रसार अधिकारियों की नियुक्ति में तेजी
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में पशुधन प्रसार अधिकारियों के 429 रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक कदमों की स्वीकृति दी गई। अब इन पदों के लिए पूर्व में निर्धारित दो वर्ष की प्रशिक्षण अवधि को घटाकर एक वर्ष कर दिया गया है। इससे भर्ती प्रक्रिया तेज होगी और जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन सेवाएं बेहतर हो सकेंगी।
इस कदम से विभाग में वर्षों से रिक्त पड़े पदों को भरा जा सकेगा, जिससे पशुपालकों को प्रशिक्षित तकनीकी सहायता मिल सकेगी और राज्य की दुग्ध उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी की संभावना है।
पर्यटन को लेकर व्यापक दृष्टिकोण
बैठक में पर्यटन को लेकर भी विशेष ध्यान दिया गया। सरकार का जोर धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ साहसिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने पर है। बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान के अंतर्गत कई परियोजनाएं पहले से कार्यरत हैं और अब सौंदर्यीकरण कार्यों के माध्यम से पर्यटन अनुभव को और अधिक आकर्षक बनाने की योजना है।
इसका उद्देश्य उत्तराखंड को न केवल तीर्थयात्रा का गढ़, बल्कि एक पूर्ण पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।