
मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली से वर्चुअल बैठक के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 22 से 25 मार्च तक राज्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों में जनता के जुड़ाव को प्रभावी तरीके से सुनिश्चित किया जाए, ताकि समाज के सभी वर्गों तक सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का संदेश पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने 23 मार्च को राज्य सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाने के निर्देश दिए। इस दिन बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन विकासखण्ड स्तर पर किया जाएगा, जिनमें स्वास्थ्य शिविर प्रमुख होंगे। शिविरों में जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य संबंधित उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे और सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जन प्रतिनिधियों को इन शिविरों में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए, ताकि वे खुद जनता की समस्याओं और जरूरतों को समझ सकें और उन्हें समाधान दिलाने में मदद कर सकें। इस दौरान लोगों को उनकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, स्वास्थ्य योजनाओं, और अन्य सरकारी सुविधाओं के लाभ भी दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि भले ही वे दिल्ली में हैं, लेकिन उनका मन हर पल राज्य के विकास के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि इस तीन साल के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में समाज के हर वर्ग को शामिल किया जाए। इन आयोजनों में उन लोगों की सफलताओं की कहानियां भी साझा की जाए, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया है और समाज के लिए कुछ महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में राज्य सरकार के तीन वर्षों की यात्रा को लेकर कहा कि इस अवधि में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप कई विकास कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमने राज्यहित में कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो बहुत जरूरी थे, जैसे समान नागरिक संहिता और सख्त नकल विरोधी कानूनों का गठन। इन कानूनों ने राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दी है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पहली बार राज्य का बजट 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों के संवर्धन के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से चाल-खाल, कुओं, गाड़-गदेरों के पुनर्जीवीकरण के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई। आगामी ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने जल संकट की समस्या को प्राथमिकता देते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति जल की कमी से न जूझे। हमें जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह अपेक्षाएं भी कीं कि वे अगले कुछ दिनों में प्रदेश में होने वाले विभिन्न आयोजनों के लिए पूरी तरह से तैयार रहें और यह सुनिश्चित करें कि इन आयोजनों का लाभ राज्य के हर नागरिक को मिले।
मुख्यमंत्री ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य केवल शहरी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के विकास के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के हर कोने में विकास के समान अवसर मिले। हम चाहते हैं कि हर नागरिक की जीवनशैली में सुधार हो और हर किसी को बुनियादी सुविधाएं मिलें।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार लगातार अपनी नीतियों और योजनाओं में सुधार करती रहेगी, ताकि समाज के सभी वर्गों का उत्थान किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस विकास यात्रा में जनता का सक्रिय सहयोग और भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है।
### राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हैं कि उनकी सरकार ने तीन साल में राज्य के विकास के कई अहम आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि आगामी समय में राज्य में और भी बड़े विकास कार्यों की योजना बनाई जाए, ताकि राज्य के नागरिकों को और बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें।
मुख्यमंत्री के इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि उनका ध्यान सिर्फ मौजूदा सरकार की सफलता तक सीमित नहीं है, बल्कि वे भविष्य में भी राज्य के विकास के लिए नए रास्ते और दिशा निर्धारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।