
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में आयोजित एक अहम बैठक में चारधाम यात्रा के यातायात प्रबंधन और सुरक्षा के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी व्यवस्थाओं को यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पहले सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों पर पार्किंग, सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था, और अन्य सुविधाओं के बारे में भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की जाए जो होटल, धर्मशाला, होमस्टे और अन्य मूलभूत सुविधाओं के नजदीक हों। इससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही, धामों के दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने के निर्देश दिए, ताकि दर्शन के समय में किसी प्रकार की भीड़-भाड़ न हो और श्रद्धालुओं को उचित समय पर दर्शन हो सकें।
मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया। इसके अलावा, अधिक ट्रैफिक वाले क्षेत्रों की रियल टाइम निगरानी करने के लिए भी उपाय सुझाए गए। उन्होंने कहा कि जाम की स्थिति वाले स्थानों की रियल टाइम जानकारी सोशल मीडिया पर और अन्य माध्यमों से साझा की जाए, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मार्गों में हो रहे परिवर्तनों की जानकारी समय पर मिल सके।
मुख्यमंत्री ने यात्रा के दौरान मौसम और यातायात की जानकारी सोशल मीडिया पर नियमित रूप से अपडेट करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके अलावा, यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों की जानकारी श्रद्धालुओं को गूगल मैप्स के जरिए मिल सके, इसकी व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा पर जाने से पहले रजिस्ट्रेशन करवाएं। यात्रा की सुरक्षा और सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है, और यह सुनिश्चित किया गया है कि रजिस्ट्रेशन के 60 प्रतिशत ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन तरीके से किए जाएं। मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों से जुड़े सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने और उनके सुझावों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके साथ ही, सरकार द्वारा यात्रा के लिए की गई तैयारियों की जानकारी हितधारकों के साथ साझा करने की बात भी कही गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के वैकल्पिक मार्गों को भी सुदृढ़ किया जाए, ताकि कोई भी अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न होने पर यात्रा सुचारू रूप से जारी रह सके। मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों पर पुलिस सहायता डेस्क स्थापित करने की सलाह दी, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की मदद मिल सके। इसके अलावा, ऊंचाई वाले क्षेत्रों और आपदा संभावित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी करने और इन स्थानों पर आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार क्रेश बैरियर लगाए जाएं, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की सघन चेकिंग अभियान चलाने और वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखने की भी सलाह दी गई।
मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्गों पर विभिन्न जानकारियों के लिए साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था करने की बात कही, ताकि श्रद्धालुओं को रास्ते में सही दिशा और अन्य आवश्यक जानकारी मिल सके। इस संबंध में डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन के लिए तीन अलग-अलग प्लान तैयार किए गए हैं, जिन्हें वाहनों के दबाव और जाम की स्थिति को देखते हुए लागू किया जाएगा।
डीजीपी दीपम सेठ ने बैठक में चारधाम यात्रा के लिए की गई तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साल लगभग 48 लाख श्रद्धालुओं ने सुरक्षित यात्रा की थी। इस साल की यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए पुलिस बल को भी पर्याप्त संख्या में तैनात किया जाएगा। 50 थाने, 79 पुलिस चौकियां, 5850 पुलिसकर्मी और 38 सीजनल चौकियां इस साल तैनात की जाएंगी।
इसके अतिरिक्त, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल रेंज के अधीन चारधाम कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी, जिसका प्रभारी एसपी ट्रैफिक देहरादून, लोकजीत सिंह होंगे। पुलिस मुख्यालय में एक विशेष चारधाम सेल का गठन किया जाएगा, जो लगातार यात्रा की निगरानी और नियंत्रण रखेगा। इस सेल के माध्यम से यात्रियों को किसी भी प्रकार की मदद और मार्गदर्शन दिया जाएगा।
यात्रा के मार्गों को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टरों में बांटा गया है, ताकि पुलिस और प्रशासन को बेहतर तरीके से ट्रैफिक और सुरक्षा का प्रबंधन करने में मदद मिल सके। इसके साथ ही, लंबी छुट्टियों के दौरान यात्रा के ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी विशेष उपाय किए गए हैं।