मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गृह विभाग के अधीन 06 फॉरेंसिक लैब वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। इन वाहनों की शुरुआत के साथ, राज्य सरकार ने अपराधों के शीघ्र और प्रभावी समाधान के लिए एक नई दिशा दी है। इस परियोजना का उद्देश्य आपराधिक मामलों की जांच प्रक्रिया को तेज और अधिक प्रभावी बनाना है, ताकि अपराधियों को शीघ्र न्याय मिल सके।
इन फॉरेंसिक लैब वाहनों की कुल लागत 65 लाख रुपये है, और यह प्रत्येक वाहन अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। इन वाहनों में ड्रग डिडक्शन किट, एक्सप्लोजिव किट, फिंगर प्रिंट किट, फुट प्रिंट किट, डीएनए किट, फ्रिज, जनरेटर, साइबर सुरक्षा से संबंधित साफ्टवेयर, वीडियो कैमरा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध हैं। ये सभी सुविधाएं अपराध की घटनाओं को现场 पर ही प्राथमिक जांच करने में मदद करेंगी, जिससे अपराधी के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने और जल्दी से मामले का हल निकालने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि “इन फॉरेंसिक लैब वाहनों के माध्यम से उत्तराखंड में अपराधों के मामलों की त्वरित जांच और समाधान की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नई व्यवस्था प्रदेश की पुलिस और जांच एजेंसियों को उच्च स्तरीय तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराएगी, जिससे अपराधियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया आसान होगी और जल्द से जल्द मामले सुलझाए जा सकेंगे।”
राज्य सरकार द्वारा फॉरेंसिक लैब वाहनों की शुरुआत
इस पहल का पहला चरण उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पहले चरण में ये फॉरेंसिक लैब वाहन देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंहनगर, अल्मोड़ा और श्रीनगर जिलों में भेजे जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य पहले चरण में इन जिलों में अपराधों की प्राथमिक जांच को गति देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, “यह वाहन अपराधों की जल्द जांच करने में सहायक होंगे और उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था को मजबूत करेंगे।”
उन्होंने आगे बताया कि बाद में यह व्यवस्था पूरे राज्य के प्रत्येक जनपद में लागू की जाएगी, जिससे राज्यभर में फॉरेंसिक जांच की सुविधा पहुंच सके। इससे पुलिस को अपराधों की शीघ्रता से जांच करने और अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का अवसर मिलेगा।
केन्द्र सरकार से मिली 3.92 करोड़ रुपये की सहायता
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया कि इन फॉरेंसिक लैब वाहनों के लिए राज्य को केन्द्र सरकार से 3.92 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। यह धनराशि राज्य के फॉरेंसिक विभाग को अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद और इन वाहनों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उपलब्ध कराई गई है।
इस फंड का उपयोग फॉरेंसिक साइंस लैब को और अधिक सशक्त बनाने, उपकरणों की खरीदारी और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की दिशा में किया जाएगा। यह सरकार की इच्छाशक्ति और अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया को दर्शाता है, जिसमें अपराधों के मामलों की जांच को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाना है।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, विधायक दिलीप रावत, सचिव गृह शैलेश बगौली, एडीजी और निदेशक फॉरेंसिक साइंस लैब अमित कुमार सिन्हा, संयुक्त निदेशक डॉ. एसके शर्मा, उप निदेशक डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. पान सिंह, विशेषज्ञ डॉ. दयाल शरण, वैज्ञानिक डॉ. मोनिका और डॉ. राकेश कुमार समेत कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे। इन सभी अधिकारियों ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “इन वाहनों के माध्यम से हम राज्य में अपराध की दर को कम करने में मदद करेंगे और न्यायपालिका की कार्यशक्ति को भी बढ़ाएंगे। इस कदम से ना सिर्फ अपराधों की जांच में तेजी आएगी, बल्कि पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए यह एक सशक्त उपकरण साबित होगा।”