सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा निदेशालय, नानूरखेड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के हाईस्कूल परीक्षा 2024 के टॉपर 157 छात्रों के दल को भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम उनके व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और साथ ही उत्तराखंड की विशिष्टता को देशभर में प्रमोट करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।
शिक्षा व्यवस्था में नया अध्याय जोड़ने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह शैक्षिक भ्रमण उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड आज ऐसे निर्णय ले रहा है जो पूरे देश के लिए बेस्ट प्रैक्टिस साबित हो रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन निर्णयों का उल्लेख अपने 9 नवंबर के संबोधन में किया था और इसे उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ करार दिया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब बोर्ड परीक्षा के मेधावी छात्रों को देश के विभिन्न राज्यों के ऐतिहासिक और शैक्षिक महत्व वाले स्थलों के भ्रमण पर भेजने का निर्णय लिया है। यह यात्रा छात्रों को न केवल शैक्षिक दृष्टि से समृद्ध करेगी, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी जागरूक बनाएगी।
भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण यात्रा का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस बार के शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत पहला दल हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेगा। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे इस यात्रा के दौरान उत्तराखंड के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में अपने राज्य का प्रचार करें। मुख्यमंत्री ने कहा, “जहां भी आप लोग जाएं, वहां उत्तराखंड की पवित्र नदियों, देवस्थानों, मौसम और पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दें।”
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू करने की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि शीतकाल के दौरान चारधाम के कपाट बंद हो जाते हैं, लेकिन अब शीतकालीन यात्रा को भी शुरू किया गया है, और छात्र इस यात्रा के बारे में जानकारी दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इस शैक्षिक भ्रमण को छात्रों के व्यक्तित्व विकास और सोच को नया आयाम देने वाला कदम बताया।
भारतीय भाषा सप्ताह और संस्कृति के संरक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भारतीय भाषा सप्ताह की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है और भारतीय भाषा सप्ताह भारतीयता के गौरव का अहसास कराएगा। उन्होंने महाकवि सुब्रमण्यम भारती का उदाहरण देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ऐसे अनेक नायकों से परिचित हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखंडवासियों से किए गए नौ आग्रहों का भी उल्लेख किया, जिसमें अपनी क्षेत्रीय बोली-भाषा का संरक्षण करना भी शामिल था। उन्होंने मेधावी छात्रों से अपील की कि वे अपनी बोली-भाषा और संस्कृति का भी संरक्षण करें और इसे आगे बढ़ाएं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की बात
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब कोई राज्य सरकार ब्लॉक स्तर पर मेधावी छात्रों के लिए इस प्रकार का शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम शुरू कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मेधावी छात्र आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम के साथ ही विभिन्न राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों से भी मिलेंगे, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा के प्रति प्रेरणा मिलेगी।
डॉ. रावत ने उत्तराखंड में छात्रों के लिए अपार आईडी बनाने में राज्य की सफलता पर भी गर्व व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि राज्य ने अब तक 45 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनवाने में सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले शैक्षिक सत्र से राज्य सरकार सभी छात्रों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें देने के साथ-साथ उन्हें कॉपियां भी प्रदान करेगी, जिससे छात्रों को शिक्षा में कोई रुकावट न हो।
राज्य सरकार की योजनाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिक्षा विभाग की योजनाओं का भी जिक्र किया और क्षेत्रीय विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, राजपुर विधायक श्री खजान दास, कैंट विधायक श्रीमती सविता कपूर, विभागीय सचिव श्री रविनाथ रमन और महानिदेशक सुश्री झरना कमठान के साथ मिलकर विभागीय योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने नानूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए नाली निर्माण की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने विद्या समीक्षा केंद्र के दूसरे चरण को शुरू करने की घोषणा भी की। इस केंद्र के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था की लगातार निगरानी की जाएगी और सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे, ताकि छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा मिल सके।
भविष्य में होने वाले शैक्षिक भ्रमण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों से यह भी कहा कि यह शैक्षिक भ्रमण न केवल उनके शैक्षिक जीवन को समृद्ध करेगा, बल्कि उनके जीवन के महत्वपूर्ण अनुभवों का हिस्सा बनेगा। उन्होंने कहा, “इस भ्रमण से छात्रों की सोच में बदलाव आएगा और वे नई चीजों को समझने और अपनाने में सक्षम होंगे।” मुख्यमंत्री ने छात्रों से यह भी अपेक्षाएं जताईं कि वे इस भ्रमण में अपने राज्य का अच्छे से प्रचार करें और उत्तराखंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को दुनिया के सामने लाएं।