
गैरसैंण (उत्तराखंड), रविवार: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण एक बार फिर सियासी गर्मी का केंद्र बन गई है। रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गैरसैंण में प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, जिनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने गैरसैंण के मुख्य बाजार में मार्च निकाला और सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए। उनका कहना था कि गैरसैंण को केवल ‘ग्रीष्मकालीन राजधानी’ घोषित कर सरकार ने इसे एक प्रतीकात्मक दर्जा दे दिया है, जबकि व्यावहारिक रूप से यहां कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। इतना ही नहीं, सरकार अब तक यहां एक भी सत्र का आयोजन भी नहीं करवा पाई है, जो राजधानी के दर्जे का अपमान है।
सांकेतिक चक्का जाम से जताया विरोध
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गैरसैंण के मुख्य हाईवे पर 15 मिनट तक सांकेतिक चक्का जाम किया। इस दौरान स्थानीय लोगों और यात्रियों को असुविधा भी हुई, लेकिन कार्यकर्ताओं ने पहले से ही घोषणा कर दी थी कि यह विरोध प्रतीकात्मक है और जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था, तब लोगों को उम्मीद थी कि यहां बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, विधानसभा की स्थायी बैठकों का आयोजन होगा, और राजधानी के अनुरूप संस्थानों और दफ्तरों की स्थापना की जाएगी। लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद, सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित रही है।
“केवल नाम की राजधानी”, बोले हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, “गैरसैंण को राजधानी बनाना केवल भावनाओं को तुष्ट करने का कदम नहीं हो सकता। जब तक यहां स्थायी राजधानी के अनुरूप व्यवस्थाएं नहीं बनतीं, तब तक यह केवल कागज़ी घोषणा बनी रहेगी। सरकार ने जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।”
हरीश रावत ने यह भी कहा कि गैरसैंण की राजधानी की मांग केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भौगोलिक संतुलन की दृष्टि से बेहद जरूरी है। उत्तराखंड का निर्माण पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से हुआ था, लेकिन राजधानी का समस्त ढांचा मैदानी क्षेत्रों में केंद्रित कर दिया गया है।
गोविंद सिंह कुंजवाल ने सरकार को घेरा
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने के लिए ठोस कदम उठाए गए थे। विधानसभा भवन का निर्माण हुआ, मूलभूत संरचना विकसित की गई, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की।
उन्होंने कहा, “अगर सरकार सच में गैरसैंण को राजधानी मानती है, तो उसे हर वर्ष कम से कम एक सत्र यहीं आयोजित करना चाहिए। केवल मुख्यमंत्री का दौरा कर लेना और मीडिया में तस्वीरें दिखा देना राजधानी के कर्तव्यों की पूर्ति नहीं है।”