
उत्तराखंड में पर्यटन सीजन के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इस भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर शराब तस्करी की घटनाएं बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए राज्य के आबकारी विभाग ने सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने सभी चेक पोस्टों पर सघन जांच के आदेश जारी किए हैं और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पर्यटकों की भीड़ में अवैध शराब का प्रवेश न हो।
आबकारी विभाग की सख्त कार्रवाई
आबकारी आयुक्त ने कहा कि पर्यटन सीजन में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या बढ़ जाती है, जिसका फायदा तस्कर उठा सकते हैं। इसलिए, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर और चंपावत के जिला आबकारी अधिकारियों को विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इन जिलों में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी।
टीमें हर वाहन की जांच करेंगी और यदि किसी वाहन में अवैध शराब पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, चेक पोस्टों पर विशेष निगरानी रखने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है।
देहरादून में शराब तस्करी की घटनाएं
हाल ही में देहरादून के बद्रीपुर गांव में शराब तस्करी की घटनाएं सामने आई थीं। क्षेत्रवासियों ने तस्करों को पकड़कर उनकी पिटाई की और उनके द्वारा ले जाई जा रही शराब की बोतलों को सड़क पर फोड़ दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की और उनके घरों पर छापेमारी की, जहां से शराब की पेटियां बरामद हुईं। क्षेत्रवासियों का आरोप था कि पुलिस की मिलीभगत से ही यह तस्करी हो रही थी।
पर्यटन सीजन की चुनौतियां
उत्तराखंड में पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होती है। मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाती है। इससे यातायात व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है और अवैध गतिविधियों के लिए भी अवसर मिलते हैं।
नैनीताल में हाल ही में दोपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। इसी तरह, मसूरी में भी शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यातायात और सुरक्षा व्यवस्थाओं को परखा गया है।