
उत्तराखंड की राजनीति और भू-नीति के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य की बहुप्रतीक्षित ‘सशक्त भू कानून’ विधेयक को आखिरकार राजभवन से मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही राज्यपाल ने नौ अन्य अहम विधेयकों को भी अपनी स्वीकृति दे दी है, जो फरवरी 2025 में हुए विधानसभा सत्र में पारित किए गए थे।
राज्यपाल की मंजूरी के साथ ये विधेयक अब कानून का रूप ले चुके हैं, जिससे राज्य प्रशासन, भूमि सुधार, खेलों में आरक्षण, शहरी विकास और कर प्रणाली से जुड़े क्षेत्रों में प्रभावशाली बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
सशक्त भू कानून को मिली मंजूरी: उत्तराखंडवासियों की लंबे समय से थी मांग
उत्तराखंड में भू कानून को लेकर लंबे समय से सामाजिक संगठन, युवाओं और विभिन्न जनप्रतिनिधियों की ओर से मांग की जा रही थी। राज्य में भूमि खरीद-बिक्री पर नियंत्रण और स्थानीय हितों की रक्षा को लेकर समय-समय पर आवाजें उठती रही हैं। खासकर राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी निवेशकों द्वारा अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण को लेकर चिंता जताई जा रही थी।
सशक्त भू कानून विधेयक के तहत अब गैर-उत्तराखंडी नागरिकों द्वारा राज्य में भूमि खरीदने पर कड़े नियम लागू होंगे। इस कानून का उद्देश्य राज्य की जनसंख्या संरचना और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखना है। इसके तहत पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा तय की गई है, और प्रशासनिक अनुमति के बिना किसी भी बाहरी व्यक्ति को कृषि भूमि नहीं बेची जा सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताई संतुष्टि
राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा,
“यह विधेयक राज्य की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और सामाजिक संरचना की रक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। उत्तराखंड के हितों की रक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और यह कानून उसी संकल्प का परिणाम है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कानून का उद्देश्य बाहरी लोगों को रोकना नहीं, बल्कि राज्य की भूमि और संसाधनों का सतत और न्यायपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है।
पारित हुए अन्य नौ विधेयक: राज्य की प्रशासनिक और विकास योजनाओं को मिलेगी मजबूती
राजभवन से मंजूरी पाने वाले अन्य विधेयकों में राज्य की प्रशासनिक, कर व्यवस्था, शिक्षा, नगर विकास और खेल नीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण कानून शामिल हैं। ये विधेयक निम्नलिखित हैं:
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उत्तराखंड निरसन विधेयक, 2025
यह विधेयक पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त करने के लिए लाया गया है ताकि विधायी ढांचे को सरल और अद्यतन बनाया जा सके। -
उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधन) विधेयक, 2025
इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की समुचित योजना, बुनियादी ढांचे के विकास, भूमि उपयोग और पर्यावरणीय संतुलन के मद्देनजर नियमों में संशोधन किया गया है। -
उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाड़ियों के लिये क्षैतिज आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2025
इस संशोधन से राज्य की विभिन्न सेवाओं में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। इससे राज्य के युवा खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में समान अवसर उपलब्ध होंगे। -
उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025
इसमें भूमि संबंधी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने और पारदर्शिता लाने हेतु प्रावधान किए गए हैं। -
उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025
राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने हेतु यह संशोधन विधेयक लाया गया है। इसके तहत नियामकीय निगरानी को मजबूत किया गया है। -
उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
राज्य में जीएसटी नियमों में केंद्रीय संशोधनों के अनुरूप बदलाव कर कर प्रणाली को और प्रभावी बनाया गया है। -
उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024
यह विधेयक नगर निकायों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पारित किया गया है।