
उत्तराखंड ने सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता के मामले में अपनी उत्कृष्टता साबित की है। उत्तराखंड ने सार्वजनिक शौचालयों के रख-रखाव और स्वच्छता के लिए केंद्रीय आवासन और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘क्लीन टॉयलेट चैलेंज – 2023’ प्रतियोगिता में देशभर के राज्यों के बीच शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया है। यह प्रतियोगिता स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत आयोजित की गई थी जिसका उद्देश्य सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता, रख-रखाव और उनके उपयोग की सुविधा को सुनिश्चित करना है।
स्वच्छ भारत मिशन और क्लीन टॉयलेट चैलेंज
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) का उद्देश्य न केवल सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाना है बल्कि इनकी सफाई, सुगमता और सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके तहत सार्वजनिक शौचालयों के स्वच्छता मानकों को बढ़ाना, उनकी चालू स्थिति को बनाए रखना और उनके उपयोग में आसानी को सुनिश्चित करना प्रमुख पहलू हैं।
‘क्लीन टॉयलेट चैलेंज – 2023’ प्रतियोगिता का आयोजन केंद्र सरकार ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए किया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने शहरी निकायों के शौचालयों की स्वच्छता, सुरक्षा और उपलब्धता के बारे में आवेदन दिए थे। उत्तराखंड ने इस चुनौती में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई।
उत्तराखंड की सफलता
उत्तराखंड ने इस प्रतियोगिता में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य ने सौ से अधिक निकायों वाले राज्यों की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में गुजरात को पहला और उड़ीसा को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। उत्तराखंड के लगभग 40 प्रतिशत सार्वजनिक शौचालय, स्वच्छता और सुरक्षा के उच्चतम मानकों पर खरे उतरे जो राज्य की सफलता का एक प्रमुख कारण बना। उत्तराखंड में कुल 2553 सार्वजनिक शौचालय सीट हैं जो मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों, तीर्थस्थलों, पर्यटन स्थलों और यात्रा मार्गों पर स्थित हैं। इन शौचालयों की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय निकायों द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
शहरी विकास सचिव का बयान
नितेश झा सचिव शहरी विकास विभाग ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई और बताया कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता के लिए सभी निकायों को विशेष निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता को लेकर राज्य सरकार का प्रयास निरंतर जारी रहेगा और राज्य के हर हिस्से में स्वच्छता के मानकों को और बेहतर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर राज्य की शहरी विकास विभाग की सराहना की और कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से देशवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा की है। उत्तराखंड सरकार भी इस अभियान को मिशन मोड पर संचालित कर रही है और शहरी विकास विभाग सार्वजनिक शौचालयों के रख-रखाव के लिए निश्चित रूप से प्रशंसा का पात्र है।”
मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को राज्य के स्वच्छता अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को और भी बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में अब सार्वजनिक शौचालयों की संख्या और उनकी स्वच्छता में लगातार सुधार हो रहा है और इस दिशा में और प्रयास किए जाएंगे।
‘क्लीन टॉयलेट चैलेंज’ के उद्देश्यों को लेकर जागरूकता
‘क्लीन टॉयलेट चैलेंज – 2023’ का आयोजन देशभर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने और सार्वजनिक शौचालयों को साफ और सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया था। इस प्रतियोगिता ने यह सुनिश्चित किया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक शौचालयों के संचालन में सुधार हो ताकि नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों की सुविधा मिल सके।
इसके अलावा इस प्रतियोगिता के माध्यम से स्वच्छता के महत्व को भी उजागर किया गया और यह संदेश दिया गया कि हर नागरिक को सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते वक्त उनकी स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे न केवल शहरी निकायों को स्वच्छता के मानकों पर काम करने का प्रोत्साहन मिला बल्कि नागरिकों में स्वच्छता के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी उत्पन्न हुआ।
राज्य में शहरी विकास विभाग ने सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे नियमित सफाई अभियान, शौचालयों में सुरक्षा व्यवस्था और उन्हें ठीक से चालू रखने की व्यवस्था। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में शहरी विकास विभाग की टीम द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है ताकि हर शौचालय को उच्चतम स्वच्छता मानकों पर खड़ा किया जा सके।
इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं, खासकर तीर्थस्थलों, पर्यटन स्थलों और यात्रा मार्गों पर ताकि यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को साफ-सुथरी और सुरक्षित शौचालय सुविधाएं मिल सकें।