
उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए अब एक सख्त नीति लागू कर दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कार्यालय समय की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी नए आदेश में कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी महीने में चार या उससे अधिक दिन कार्यालय में देर से पहुंचता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश राज्य में सरकारी कार्यालयों की कार्यसंस्कृति को सुधारने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। सरकार को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कई विभागों में कर्मचारी देर से कार्यालय पहुंचते हैं, जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है और विभागीय कार्यों में भी बाधा आती है।
आदेश का विवरण: क्या कहा गया है नई नीति में
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कर्मचारियों की देर से आने की स्थिति में चार-स्तरीय चेतावनी और कार्रवाई की प्रक्रिया तय की गई है:
- पहली बार देर से आने पर – कर्मचारी को मौखिक चेतावनी दी जाएगी।
- दूसरी बार देर से आने पर – लिखित चेतावनी दी जाएगी जो उनके सेवा रिकॉर्ड में भी दर्ज हो सकती है।
- तीसरी बार देर से आने पर – उस कर्मचारी का एक दिन का आकस्मिक अवकाश (सीएल) काटा जाएगा।
- चौथी बार या उससे अधिक देर से आने पर – संबंधित कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें वेतन कटौती, सेवा में रुकावट या यहां तक कि निलंबन जैसे कदम भी शामिल हो सकते हैं।
सरकारी कामकाज में सुधार की दिशा में कदम
उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय उस व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी विभागों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। राज्य सरकार पहले से ही कर्मचारियों की उपस्थिति पर बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से नजर रख रही थी, लेकिन उसमें लगातार देरी और अनियमितता की शिकायतें सामने आ रही थीं।
अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि उपस्थिति में नियमितता और समय की पाबंदी को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव शामिल हुए थे।
विभागों को निर्देश: आदेश का सख्ती से पालन करें
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का कड़ाई से पालन कराएं। साथ ही, विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति नियमित रूप से अपडेट की जाए और मासिक रिपोर्ट तैयार की जाए।