
आगामी श्रावण मास में होने वाले कांवड़ मेले को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए सोमवार को जीआरपी मुख्यालय रानीपुर में एक अंतरराज्यीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट ने की, जिसमें रेलवे, आरपीएफ, मुरादाबाद और सहारनपुर जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का उद्देश्य था—कांवड़ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की रेलवे मार्ग से सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करना, साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अग्रिम तैयारियों को अंतिम रूप देना।
बैठक में बताया गया कि इस बार कांवड़ मेले में हरिद्वार, योगनगरी ऋषिकेश, रुड़की सहित अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए पूरे कांवड़ मेला क्षेत्र को दो सुपर जोन, तीन जोन और छह सेक्टरों में बांट दिया गया है। प्रत्येक सेक्टर में सुरक्षा और निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।
रेलवे स्टेशनों पर हाई अलर्ट, 300 सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
कांवड़ मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से रेलवे स्टेशनों पर 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों के जरिए संदिग्ध गतिविधियों, व्यक्तियों और भीड़ के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। कैमरों की लाइव फीड जीआरपी कंट्रोल रूम से जुड़ेगी, जहां से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट ने कहा, “सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लाखों श्रद्धालु हरिद्वार और आसपास के रेलवे स्टेशनों से गुजरते हैं। ऐसे में रेलवे प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज और टिकट काउंटरों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी अत्यंत आवश्यक है। इस बार टेक्नोलॉजी के सहयोग से सुरक्षा को और भी सशक्त किया गया है।”
महिला सुरक्षा के विशेष इंतजाम, तैनात होंगी महिला पुलिसकर्मी
पिछले वर्षों के अनुभवों को देखते हुए महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी विशेष उपाय किए गए हैं। महिला यात्रियों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की आशंका को देखते हुए रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में पर्याप्त संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। ये महिला कर्मी विशेष रूप से महिला डिब्बों और प्लेटफॉर्म पर नजर रखेंगी।
बीडीएस, डॉग स्क्वायड और एंटी सबोटाज टीमें रहेंगी अलर्ट
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि रेलवे स्टेशनों पर विस्फोटक पदार्थों या संदिग्ध वस्तुओं की जांच के लिए बम डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS), डॉग स्क्वॉड और एंटी सबोटाज टीमों को तैनात किया जाएगा। ये टीमें नियमित अंतराल पर स्टेशन परिसरों, ट्रेनों और आसपास के क्षेत्रों की चेकिंग करेंगी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
मावर्ती राज्यों के साथ साझा निगरानी और समन्वय
कांवड़ मेला केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी, राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को आकर्षित करता है। इसलिए जीआरपी ने इन राज्यों की पुलिस और जीआरपी इकाइयों के साथ मिलकर एक साझा ऑपरेशन प्लान तैयार किया है।
बैठक में यह तय हुआ कि सीमावर्ती जिलों में ट्रेनिंग वर्कशॉप और चेकिंग अभियान चलाए जाएंगे ताकि मादक पदार्थों की तस्करी और अपराधियों की आवाजाही पर लगाम लगाई जा सके। इसमें उत्तर प्रदेश व हरियाणा की स्पेशल ब्रांच और नारकोटिक्स विंग की टीमें भी शामिल होंगी।
एनटीएफ के साथ समन्वय, नशे के खिलाफ सख्ती
कांवड़ मेले के दौरान नशे की तस्करी और सेवन पर रोक लगाने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) के साथ भी समन्वय किया जाएगा। हरिद्वार और आसपास के रेलवे स्टेशनों पर ड्रग्स ले जाने या इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए ट्रेनों में अचानक जांच अभियान और प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखी जाएगी।
विशेष ड्यूटी: 200 से अधिक जीआरपी कर्मी, आरपीएफ और आईआरबी की प्लाटून तैनात
एसपी तृप्ति भट्ट ने जानकारी दी कि कांवड़ मेला ड्यूटी में 200 से अधिक जीआरपी अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आईआरबी की दूसरी बटालियन और आरपीएफ के जवानों की सहायता भी ली जाएगी। आरपीएफ की मदद से विभिन्न महत्वपूर्ण ट्रेनों में एस्कॉर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और सुरक्षा बनी रहे।
महत्वपूर्ण ट्रेनों पर विशेष निगरानी
हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की जैसे स्टेशनों से चलने वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। ट्रेनों में भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ, गश्त दल और ऑडियो अनाउंसमेंट सिस्टम का सहारा लिया जाएगा। विशेष ट्रेनों के संचालन की तैयारी भी रेलवे बोर्ड के सहयोग से की जा रही है।
आपदा प्रबंधन और इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्लान तैयार
कांवड़ मेले के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे स्टेशन परिसरों में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीमें बनाई जाएंगी। इनके पास फर्स्ट एड किट, संचार उपकरण और बेसिक आपदा प्रबंधन उपकरण होंगे। इसके अलावा, भीड़ नियंत्रण के लिए अलग से प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी।