
शनिवार सुबह केदारनाथ धाम में उस समय हड़कंप मच गया जब ऋषिकेश एम्स (AIIMS Rishikesh) की एक हेली एम्बुलेंस लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हेलिकॉप्टर हादसा केदारनाथ हेलिपैड से महज 20 मीटर पहले हुआ। राहत की बात यह रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ और पायलट पूरी तरह सुरक्षित है। हेलिकॉप्टर में उस वक्त केवल पायलट सवार था, जो मरीज को लेने के लिए ऋषिकेश से केदारनाथ पहुंचा था।
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) संदीप कुमार ने इस दुर्घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हादसा हार्ड लैंडिंग (अत्यधिक झटके के साथ लैंडिंग) के कारण हुआ। उन्होंने जानकारी दी कि लैंडिंग के दौरान संतुलन बिगड़ने के चलते हेलिकॉप्टर की टेल बॉन (पिछला हिस्सा) टूट गया, जिससे यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दुर्घटना की तकनीकी वजह
प्रारंभिक जांच के मुताबिक हेलिकॉप्टर की “हार्ड लैंडिंग” मुख्य वजह रही है, जिसका अर्थ होता है कि विमान अपेक्षा से अधिक तेजी से जमीन पर उतरा। यह स्थिति आमतौर पर मौसम की खराबी, पायलट की त्रुटि या तकनीकी खराबी के कारण हो सकती है। हालांकि इस विशेष मामले में मौसम की स्थिति सामान्य बताई जा रही है, इसलिए तकनीकी खराबी या यांत्रिक फेलियर को लेकर जांच चल रही है।
पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
घटना के वक्त हेलिकॉप्टर में केवल पायलट ही मौजूद था। यह हेली एम्बुलेंस केदारनाथ से एक बीमार यात्री को ऋषिकेश लाने के लिए भेजी गई थी। पायलट की सतर्कता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता के चलते एक बड़ा हादसा टल गया। हेलिपैड से कुछ ही दूरी पहले हेलिकॉप्टर नीचे आकर जोर से जमीन से टकराया, लेकिन पायलट ने किसी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं होने दी।
“संजीवनी” सेवा की शुरुआत
उल्लेखनीय है कि यह वही हेली एम्बुलेंस सेवा है जिसका उद्घाटन 29 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “संजीवनी” के नाम से किया था। इस सेवा का उद्देश्य दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इससे पहले, 20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में AIIMS ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस सेवा शुरू करने की घोषणा की थी।
इस सेवा का संचालन केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार की 50-50 प्रतिशत भागीदारी में किया जा रहा है। यह सेवा विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रही है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में आते हैं और कई बार स्वास्थ्य से जुड़ी आपात स्थितियों का सामना करते हैं।
आठ दिन पहले गंगोत्री में हुआ था भयावह हादसा
केदारनाथ की इस दुर्घटना ने लोगों को 8 मई 2025 को गंगोत्री धाम के निकट हुए भयावह हेलिकॉप्टर हादसे की याद दिला दी। उस दुर्घटना में एक हेली सेवा का विमान गंगनानी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में पांच महिलाएं समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था।
गंगोत्री हादसे में हेलिकॉप्टर दो टुकड़ों में टूट गया था। दो शव हेलिकॉप्टर में ही फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए हेलिकॉप्टर का मलबा काटना पड़ा था। वहीं, घटना स्थल के समीप करीब 200 मीटर गहरी खाई होने के कारण रेस्क्यू अभियान को भीषण चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से शवों को निकाला गया।