
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्य पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मतदाता सूची भी प्रकाशित कर दी गई है। सबसे बड़ी खबर यह रही कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल महेंद्र भट्ट ने नामांकन दाखिल किया है, जिससे यह लगभग तय हो गया है कि वह दोबारा इस पद पर आसीन होंगे।
प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश चुनाव अधिकारी खजान दास ने राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी के. लक्ष्मण के निर्देशों के तहत चुनाव की अधिसूचना जारी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
केवल एक नामांकन, निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय
चुनाव प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल एक ही नामांकन दाखिल किया गया है, और वह महेंद्र भट्ट का है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी के भीतर उनके नेतृत्व को पूर्ण समर्थन प्राप्त है। 1 जुलाई को उनके निर्विरोध अध्यक्ष बनने की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि महेंद्र भट्ट की दोबारा नियुक्ति भाजपा के संगठनात्मक स्थायित्व और चुनावी रणनीति के लिहाज से एक महत्वपूर्ण निर्णय है। भट्ट के पहले कार्यकाल के दौरान भाजपा ने राज्य में कई सांगठनिक उपलब्धियां दर्ज कीं, और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को मजबूती मिली।
मतदाता सूची और चुनाव प्रक्रिया का विवरण
चुनाव अधिकारी खजान दास ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए कुल 125 मतदाता अधिकृत किए गए हैं। नामांकन प्रक्रिया आज 30 जून को दोपहर 12 बजे तक पूरी होनी थी। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच दोपहर 12 से 2 बजे तक की गई। वहीं, नाम वापस लेने की समयसीमा दोपहर 3 से 4 बजे के बीच निर्धारित की गई।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि एक ही उम्मीदवार रह जाता है, तो उसी दिन उनका निर्विरोध निर्वाचन घोषित कर दिया जाएगा। यह परिस्थिति अब महेंद्र भट्ट के मामले में बनती दिख रही है।
पार्टी संविधान के अनुसार कड़ी पात्रता शर्तें
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले किसी भी कार्यकर्ता को भाजपा का कम से कम तीन वर्षों तक सक्रिय सदस्य और दस वर्षों तक प्राथमिक सदस्य रहना आवश्यक है। इसके अलावा, उनके नाम का प्रस्ताव प्रदेश निर्वाचक मंडल के कम से कम 10 सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए।
चुनाव अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव कम से कम एक-तिहाई जिलों से आना अनिवार्य है, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। यह प्रक्रिया भाजपा के संगठनात्मक अनुशासन और लोकतांत्रिक परंपराओं को रेखांकित करती है।
राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का चुनाव भी समानांतर
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव भी किया जाएगा। पार्टी संविधान की उपधारा (2) के अनुसार, यह चुनाव प्रदेश परिषद द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक राज्य से उतने ही सदस्य राष्ट्रीय परिषद के लिए चुने जाएंगे, जितनी उस राज्य में लोकसभा सीटें हैं।
उत्तराखंड में वर्तमान में पाँच लोकसभा सीटें हैं, अतः पाँच सदस्य राष्ट्रीय परिषद के लिए चुने जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले। परिषद के सदस्यों का चयन दो-दो लोकसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाए गए भागों से किया जाएगा, और प्रत्येक भाग से कम से कम एक प्रतिनिधि अवश्य चुना जाएगा।
पार्टी नेताओं की उपस्थिति बनी चर्चा का विषय
रविवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट और कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इन नेताओं की उपस्थिति ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि पार्टी नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष पद पर महेंद्र भट्ट की नियुक्ति को लेकर एकमत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, “महेंद्र भट्ट का नेतृत्व प्रदेश संगठन को मजबूती देगा। उन्होंने पहले कार्यकाल में संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया, जो किसी भी राजनीतिक दल के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।”