
उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन आधार आधारित पंजीकरण का आंकड़ा अब 10 लाख से अधिक हो चुका है। यह आंकड़ा पर्यटन विभाग की ओर से 20 मार्च से शुरू की गई ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के तहत प्राप्त हुआ है। 30 अप्रैल से शुरू होने वाली यात्रा के लिए अब तक करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करा लिया है, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक पंजीकरण
इन पंजीकरण आंकड़ों में सबसे अधिक पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुआ है, जहां 3.29 लाख तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं। इसके बाद बदरीनाथ धाम का नंबर आता है, जहां 3.02 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है। गंगोत्री धाम के लिए 1.85 लाख और यमुनोत्री धाम के लिए 1.79 लाख श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं। इस तरह से चारधाम यात्रा के चारों धामों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का एक महत्वपूर्ण चरण पार कर लिया गया है।
30 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन होगा, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इसके बाद 2 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस साल यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से पंजीकरण की प्रक्रिया को बहुत अधिक सुगम बनाया गया है।
यात्रा की सुविधाओं में होगा बड़ा बदलाव
पर्यटन विभाग ने इस बार 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन किए जाने की योजना बनाई है, जबकि 40 प्रतिशत पंजीकरण यात्रा शुरू होने के बाद ऑफलाइन किए जाएंगे। यह ऑफलाइन पंजीकरण विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए होगा, जिनके पास ऑनलाइन पंजीकरण का अवसर नहीं हो सका या जो यात्रा के दौरान पंजीकरण कराना चाहें। इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश और यात्रा मार्गों पर पंजीकरण केंद्र खोले जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
यात्रियों की सुविधा के लिए पंजीकरण केंद्रों का विस्तार
पर्यटन विभाग ने इस बार पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर पंजीकरण केंद्र स्थापित किए हैं। इन केंद्रों पर श्रद्धालु ऑफलाइन पंजीकरण कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, पंजीकरण केंद्रों पर हेल्प डेस्क और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
पंजीकरण के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा की तारीख और समय के बारे में सूचना दी जाएगी। इसके अलावा, इस बार यात्रा के लिए हेल्पलाइन सेवाएं भी शुरू की गई हैं, जो 24 घंटे श्रद्धालुओं की सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
यात्री सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इस साल की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और रास्तों को भूस्खलन से बचाने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। इसके साथ ही, तीर्थयात्रियों की चिकित्सा सहायता के लिए स्वास्थ्य कैंप भी स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके।
पर्यटन विभाग का बयान
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था से न केवल यात्रा की सुगमता बढ़ी है, बल्कि इससे श्रद्धालुओं को भी यात्रा के दौरान कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा। विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपना पंजीकरण अवश्य करा लें, ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
ऑनलाइन पंजीकरण का महत्व
आधार आधारित ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या का प्रबंधन करना और उन्हें बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। इससे न केवल यात्रा के दौरान भीड़-भाड़ कम होगी, बल्कि सुरक्षा उपायों को भी बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा। इसके अलावा, इससे यात्रा की विभिन्न गतिविधियों का आंकलन करना और उनका नियमन करना भी संभव होगा।
यात्रा के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा
चारधाम यात्रा के दौरान पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। यात्रा मार्गों पर कूड़ा-करकट और प्लास्टिक की वस्तुओं का प्रयोग कम करने के लिए पर्यावरण संरक्षण उपायों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही, इस साल यात्रा मार्गों पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण किए जाएंगे, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सके।