
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रविवार को जिला प्रशासन द्वारा अवैध रूप से संचालित मदरसों पर बड़ी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान कई मदरसों को सील किया गया और मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती रही। यह कदम राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य में बिना पंजीकरण संचालित शिक्षण संस्थानों की गहन जांच और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है।
बनभूलपुरा बना प्रशासनिक कार्रवाई का केंद्र
बनभूलपुरा, जो कि हल्द्वानी शहर का घनी आबादी वाला क्षेत्र है, वहां लंबे समय से कुछ मदरसों के बिना वैध पंजीकरण के संचालन की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों की पुष्टि के बाद मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन को तत्काल सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद रविवार को जिला प्रशासन की एक विशेष टीम ने बनभूलपुरा क्षेत्र में छापेमारी की और जांच के बाद कई अवैध मदरसों को सील कर दिया।
ADM विवेक कुमार रॉय के नेतृत्व में कार्रवाई
इस कार्रवाई का नेतृत्व अपर जिलाधिकारी (एडीएम) विवेक कुमार रॉय ने किया। उनके साथ प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। कार्रवाई के दौरान सभी मदरसों के दस्तावेजों की गहन जांच की गई और जो संस्थाएं किसी भी प्रकार की मान्यता या पंजीकरण दिखाने में असमर्थ रहीं, उन्हें तुरंत सील कर दिया गया।
ADM रॉय ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री जी के स्पष्ट निर्देश हैं कि राज्य में बिना पंजीकरण के कोई भी शिक्षण संस्था नहीं चलनी चाहिए। हमारी यह कार्रवाई उसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।”
कानून व्यवस्था के मद्देनजर विशेष सतर्कता
कार्रवाई के दौरान बनभूलपुरा क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की देखरेख में पूरी कार्रवाई शांतिपूर्वक संपन्न हुई। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को भी तैयार रखा गया था।
हल्द्वानी के एसएसपी ने बताया कि “कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी पहली प्राथमिकता है। कार्रवाई के दौरान कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए पुलिस पूरी तरह सतर्क और तैयार रही।”
अब तक कितनी संस्थाएं हुईं सील?
प्रशासन की ओर से फिलहाल यह नहीं बताया गया है कि कुल कितने मदरसों को सील किया गया है, क्योंकि कार्रवाई अभी भी जारी है। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में 8 से 10 मदरसों को चिन्हित किया गया था, जिनमें से अधिकांश पर कार्रवाई पूरी की जा चुकी है। आगामी दिनों में और भी मदरसों की जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री का रुख सख्त
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में साफ किया था कि प्रदेश में शिक्षा के नाम पर चल रही अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि किसी भी संस्था को बिना पंजीकरण, मान्यता और शैक्षणिक मानकों के संचालन की अनुमति न दी जाए।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया: “शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। पारदर्शिता और कानून के दायरे में रहकर ही शिक्षण संस्थाएं संचालित हों, यह सुनिश्चित किया जाएगा।”
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों और समाज के विभिन्न वर्गों में मिलेजुले प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इसे एक “साहसिक और आवश्यक कदम” बताया है, वहीं कुछ विपक्षी दलों ने कार्रवाई के पीछे “चुनिंदा क्षेत्रों को निशाना बनाए जाने” की बात उठाई है।
भाजपा नेता महेश बिष्ट ने कहा, “यह कार्रवाई राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जरूरी थी। सरकार का प्रयास है कि हर बच्चा मान्यता प्राप्त और पारदर्शी व्यवस्था में शिक्षा पाए।”
वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद शाहिद ने कहा, “सरकार को सभी प्रकार के अवैध संस्थानों पर समान रूप से कार्रवाई करनी चाहिए। केवल एक विशेष समुदाय या क्षेत्र को निशाना बनाना उचित नहीं है।”
शिक्षा विभाग की भूमिका
शिक्षा विभाग की ओर से भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी शिक्षण संस्थाओं का पुनः सर्वेक्षण किया जाए। विभाग अब जिलेवार सभी स्कूलों, मदरसों और अन्य शिक्षण संस्थाओं की वैधता की जांच करेगा और इस संदर्भ में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
भविष्य की कार्रवाई का खाका
प्रशासन की ओर से स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड सरकार प्रदेशभर में चल रही अवैध शिक्षण संस्थाओं की पहचान और उन पर कठोर कार्रवाई के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है।
ADM रॉय ने यह भी कहा, “हमने अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी गतिविधियों की जानकारी जुटाई है। टीम बनाकर वहां भी कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश में कोई भी अवैध शिक्षण संस्था नहीं रह जाती।”