
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर लंबे समय से चल रहे इंतजार को अब विराम मिल गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पंचायत चुनाव की नई तिथियों की घोषणा कर दी है। यह चुनाव दो चरणों में संपन्न कराए जाएंगे। आयोग के मुताबिक, पहले चरण का मतदान 24 जुलाई को और दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होगा, जबकि मतगणना 31 जुलाई को कराई जाएगी।
राज्य के ग्रामीण लोकतंत्र को मजबूत करने वाले इस महत्वपूर्ण चुनाव को लेकर अब पूरे प्रदेश में चुनावी माहौल बनना शुरू हो गया है। चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है, जो कि पूरी चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक लागू रहेगी।
नामांकन की प्रक्रिया: 2 से 5 जुलाई तक
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 2 जुलाई से शुरू होगी और 5 जुलाई तक चलेगी। इसके लिए जिलाधिकारी 30 जून को आधिकारिक अधिसूचना जारी करेंगे। अधिसूचना जारी होते ही उम्मीदवार नामांकन भर सकेंगे और पंचायत चुनाव की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि नामांकन, जांच, नाम वापसी और चुनाव चिन्ह आवंटन जैसी सभी प्रक्रियाएं तय समयसीमा के भीतर संपन्न की जाएंगी। इसके लिए सभी जिलों को विस्तृत कार्यक्रम भेजा जा चुका है।
आचार संहिता लागू: सरकारी मशीनरी पर नजर
चुनाव की तिथियों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब कोई भी नई सरकारी योजना की घोषणा, शिलान्यास, उद्घाटन कार्यक्रम आदि नहीं हो पाएंगे। सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर कड़ी नजर रखी जाए और यदि कोई उल्लंघन होता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए।
सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम
उत्तराखंड के कई जिलों में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की पहचान की जा रही है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त माहौल में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि बूथों पर पर्याप्त पुलिस बल, होमगार्ड, पीएसी और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, फ्लाइंग स्क्वॉड, मॉडल टीम, निरीक्षण दल और निरीक्षण वाहनों को भी तैनात किया जाएगा ताकि आचार संहिता और कानून-व्यवस्था का पालन सुनिश्चित किया जा सके।