
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि तीन वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह यात्रा 30 जून 2025 से पुनः शुरू होने जा रही है, जो कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 से स्थगित थी। मुख्यमंत्री ने राज्य की ओर से पूरी तत्परता के साथ श्रद्धालुओं के स्वागत की बात कही और इसे एक “शुभ अवसर” बताया।
आदि कैलाश यात्रा पहले ही शुरू, अब कैलाश मानसरोवर की बारी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। आदि कैलाश की यात्रा पहले ही आरंभ हो गई है और अब कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शुरू होगी। यह हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि इतने वर्षों के बाद यह पवित्र यात्रा पुनः आरंभ हो रही है। राज्य सरकार ने सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं और हम सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हैं।”
मुख्यमंत्री की यह घोषणा विदेश मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी उस आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून 2025 से पुनः शुरू की जा रही है। इस यात्रा का संचालन उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
कोविड के बाद पहली बार यात्रा होगी संपन्न
विज्ञप्ति में बताया गया है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित थी, लेकिन इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों से इस पवित्र यात्रा को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस यात्रा का संचालन कुमाऊँ मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा किया जाएगा, जो हर वर्ष इस यात्रा का प्रबंधन करता रहा है।
यात्रा का मार्ग और दलों की संरचना
कैलाश मानसरोवर यात्रा दिल्ली से शुरू होकर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख दर्रे के माध्यम से चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाएगी। इस बार यात्रा में कुल 5 दल होंगे, प्रत्येक में 50 श्रद्धालु, अर्थात कुल 250 यात्री यात्रा में भाग लेंगे। पहला दल 10 जुलाई 2025 को लिपुलेख दर्रे से चीन में प्रवेश करेगा। अंतिम दल 22 अगस्त 2025 को चीन से भारत लौटेगा। प्रत्येक दल की यात्रा की अवधि 22 दिन होगी।
यात्रा कार्यक्रम: रुकाव व ठहराव का विवरण
श्रद्धालुओं की यात्रा इस प्रकार होगी, दिल्ली: यात्रा का प्रारंभ स्थल, यहीं से सभी दल रवाना होंगे। स्वास्थ्य जांच: दिल्ली में सभी यात्रियों की प्रारंभिक मेडिकल जांच की जाएगी। इस पूरे सफर में ऊँचाई वाले इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जाएगी और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की सहायता से गुंजी में स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने चुने 750 यात्री
इस यात्रा में भाग लेने के लिए भारी उत्साह देखा गया। 21 मई 2025 को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी सूची में कुल 750 श्रद्धालुओं का चयन किया गया है। इन यात्रियों को आवेदन, लॉटरी और चिकित्सा परीक्षण के माध्यम से चुना गया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि कोविड-19 के बाद भी श्रद्धालुओं में आस्था की कोई कमी नहीं आई है।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के प्रयासों से यात्रा हुई संभव
उत्तराखंड सरकार ने लिपुलेख मार्ग की सड़क, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं और संचार नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद किया और केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाकर यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्य किया।
इसके अलावा, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, सेना, ITBP, और स्थानीय प्रशासन को यात्रा की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से लगाया गया है।