
उत्तराखंड एक बार फिर से मूसलधार बारिश और भूस्खलन के गंभीर संकट से जूझ रहा है। देहरादून और उत्तरकाशी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शेष प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई है। मौसम विज्ञान विभाग ने इन जिलों में आगामी दिनों में भीषण बारिश के कई दौर की संभावना जताई है, जिससे न केवल जनजीवन प्रभावित हो रहा है बल्कि नदियों, पर्वतीय मार्गों और धार्मिक स्थलों के आस-पास भी सुरक्षा संकट गहराता जा रहा है।
राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में जलभराव, मंदिरों के ढहने, और 384 सड़कों के बंद होने की खबरें लगातार आ रही हैं। नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, जिससे प्रशासन को आपातकालीन उपायों में लगना पड़ा है।
देहरादून और उत्तरकाशी में रेड अलर्ट, अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की आशंका है। विशेष रूप से देहरादून और उत्तरकाशी में स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां रेड अलर्ट जारी किया गया है।
गढ़वाल और कुमाऊं के अन्य जिलों — जैसे चमोली, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में भी मौसम बेहद खराब बना हुआ है और तापमान में तेज गिरावट देखी जा रही है।
स्कूल बंद, छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि
प्रशासन ने एहतियातन गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अधिकांश जिलों में सोमवार को स्कूल बंद रखने का आदेश दिया। देहरादून और हरिद्वार को छोड़कर लगभग सभी जिलों में शिक्षण संस्थान बंद रहे। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने निर्देश जारी किए हैं कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और जब तक मौसम स्थिर न हो, तब तक स्कूलों में सावधानी बरती जाए। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
चमोली जिले की ऊंची चोटियों पर हिमपात
गोपेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार देर शाम को चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, नंदा घुंघटी, और रुद्रनाथ जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई।
इससे जिले में मौसम में ठंडक आ गई है। निचले क्षेत्रों में भी तापमान गिरा है और लोगों को गरम कपड़े निकालने पड़े हैं। जिले में तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री तक नीचे पहुंच गया है, जो सितंबर के शुरुआती दिनों के लिहाज से असामान्य माना जा रहा है।
देहरादून में भारी बारिश से मंदिर ढहा, जलभराव की स्थिति
देहरादून शहर में सोमवार को लगातार बारिश के कई दौर देखने को मिले। सबसे चिंताजनक घटना शहर के गजियावाला क्षेत्र की रही, जहां बीजापुर बांध के पास स्थित संसारी माता का मंदिर ढह गया। बताया जा रहा है कि मंदिर के ऊपर स्थित ढांग (चट्टान) के खिसकने से यह हादसा हुआ।
इस दुर्घटना से आसपास के कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। गनीमत यह रही कि समय रहते लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए। साथ ही, शहर के कई इलाकों में तेज जलभराव हो गया, जिससे सड़कें पूरी तरह अवरुद्ध हो गईं।
नदियां उफान पर, पुल बंद
प्रदेश की प्रमुख नदियों में सतत बारिश के चलते जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। यमुना नदी का पानी उत्तरकाशी के स्याना चट्टी पुल पर आ गया है, जिससे पुल को बंद कर दिया गया है। गढ़वाल मंडल में सौंग, बाणगंगा, अलकनंदा, मंदाकिनी, यमुना नदियां खतरे की सीमा के पार हैं। कुमाऊं क्षेत्र में कोसी और गौरीगंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है और जरूरत पड़ने पर पुनर्वास की तैयारी शुरू कर दी गई है।
प्रदेश में 384 सड़कें बंद, यातायात पूरी तरह बाधित
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में 384 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिससे आमजन की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है।