
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का जनादेश अब बस कुछ ही घंटों की दूरी पर है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, 31 जुलाई को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी, जिसमें 32,580 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों से निकलेगा। राज्यभर में मतगणना केंद्रों की तैयारी अंतिम चरण में है और आयोग ने साफ किया है कि इस बार नतीजे पारदर्शिता और सुलभता को ध्यान में रखते हुए आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से भी जारी किए जाएंगे।
दो चरणों में सम्पन्न हुआ मतदान, बारिश के बावजूद दिखा जोश
उत्तराखंड के पंचायत चुनाव दो चरणों में सम्पन्न हुए। पहले चरण में 17,829 जबकि दूसरे चरण में 14,751 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। दूसरे चरण में मतदान सोमवार को सुबह 8 बजे से शुरू होकर दिनभर चला। राज्य के 40 विकासखंडों में 4,709 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए। चुनावी प्रक्रिया में कुल 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे। हालांकि मतदान के दिन कई पर्वतीय जिलों में तेज बारिश हुई, लेकिन मतदाताओं के जोश में कोई कमी नहीं आई। पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी जिलों जैसे देहरादून और ऊधमसिंह नगर में भी जबरदस्त मतदान दर्ज किया गया।
महिला मतदाताओं ने पुरुषों को पछाड़ा
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दूसरे चरण में कुल 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इसमें 65.50 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया, जबकि महिलाओं ने 74.50 प्रतिशत की भागीदारी दर्ज कराकर पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। यह आंकड़ा बताता है कि ग्रामीण महिलाओं में लोकतंत्र को लेकर जागरूकता और भागीदारी तेजी से बढ़ रही है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण में 68 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि वर्ष 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में यह आंकड़ा 69.59 प्रतिशत था। इस बार मौसम की बाधाओं और कुछ इलाकों में कम उत्साह के कारण मतदान प्रतिशत में थोड़ी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
शांतिपूर्ण रहा चुनावी माहौल
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने जानकारी दी कि दोनों चरणों में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ। कहीं से भी किसी प्रकार की गंभीर अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने प्रदेश की पुलिस, प्रशासनिक अमले और निर्वाचन अधिकारियों की तत्परता की सराहना की।
उन्होंने यह भी बताया कि मतगणना को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए हर जिले में मतगणना केंद्र पहले ही तय कर लिए गए हैं। सभी मतपेटियों को सुरक्षा के साथ संबंधित मतगणना स्थलों पर पहुंचा दिया गया है। मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है, साथ ही सीसीटीवी कैमरों और निगरानी टीमों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
पंचायत चुनाव का महत्व
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक) और जिला पंचायत स्तर पर होते हैं। ये चुनाव राज्य के ग्राम्य विकास और स्थानीय प्रशासनिक ढांचे के लिए बेहद अहम माने जाते हैं। चुने गए जनप्रतिनिधि गांवों में योजनाओं के क्रियान्वयन, संसाधनों के वितरण और विकास कार्यों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बार पंचायत चुनावों में युवाओं और महिलाओं की उच्च भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण समाज अब अधिक सजग, जागरूक और सक्रिय हो चुका है।
पहली बार वेबसाइट से जारी होंगे परिणाम
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार तकनीकी पहलू पर भी ध्यान केंद्रित किया है। पहली बार पंचायत चुनावों के नतीजे आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे लोगों को रियल टाइम अपडेट मिल सकेंगे। इससे मतगणना केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ भी कम होगी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि मतगणना के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, हंगामे या अव्यवस्था से सख्ती से निपटा जाए। पुलिस बलों की तैनाती के साथ-साथ वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि कोई संदेह की स्थिति न बने।
ग्रामीण मतदाता बना लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में अक्सर प्राकृतिक आपदाएं या मौसम की कठिनाइयां लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर असर डालती हैं। लेकिन इस बार के पंचायत चुनावों में जिस तरह लोगों ने बारिश की परवाह किए बिना वोटिंग में हिस्सा लिया, उसने एक बार फिर लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत कर दिया है।
खासकर पहाड़ों में लोगों का मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना, नदियों को पार करना, तेज बारिश में भी कतारों में खड़े रहना यह बताता है कि लोकतंत्र सिर्फ एक प्रणाली नहीं, बल्कि एक भावना है, जो लोगों के दिलों में बसी हुई है।
अब निगाहें 31 जुलाई पर
अब जब मतदान प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और मतपेटियों को सुरक्षित रखा जा चुका है, पूरे राज्य की निगाहें 31 जुलाई की सुबह 8 बजे पर टिकी हैं, जब मतगणना शुरू होगी। प्रत्याशी, उनके समर्थक, गांव-गांव के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि किसे जनादेश मिलेगा और कौन पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की कमान संभालेगा। आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि मतगणना के बाद जल्द ही शपथ ग्रहण प्रक्रिया भी तय की जाएगी, ताकि पंचायती राज व्यवस्था में कामकाज सुचारु रूप से शुरू हो सके।